Edited By vinod kumar, Updated: 06 Jul, 2020 12:24 PM
हरियाणा में एक के बाद एक बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान हरियाणा के सोनीपत में बड़े पैमाने पर हुए शराब घोटाले के बाद अब करनाल में करोड़ों रुपये का चावल घोटाला सामने आया है। यहां राइस मिलरों ने 30 जून तक चावल को सरकारी गोदाम में जमा...
करनाल: हरियाणा में एक के बाद एक बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान हरियाणा के सोनीपत में बड़े पैमाने पर हुए शराब घोटाले के बाद अब करनाल में करोड़ों रुपये का चावल घोटाला सामने आया है। यहां राइस मिलरों ने 30 जून तक चावल को सरकारी गोदाम में जमा करने की बजाए बाजार में बेच दिया। इस पूरे मामले में सरकार को करीब 100 करोड़ से अधिक चूना लगने का अनुमान है।
हालांकि सरकार ने कोरोना महामारी के चलते चावल जमा करवाने की तिथि को आगे बढ़ाते हुए 15 जुलाई तक कर दिया है, लेकिन राइस मिलर अभी इस स्थिति में नहीं है कि वह इस तिथि तक चावल जमा करवा सके। बता दें कि करनाल जिला में 316 राइस मिलों में धान कुटाई का काम होता है। इन मिलों को सरकारी धान की कुटाई कर 30 जून तक तक जमा करवाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे तिथि को 15 जुलाई तक कर दिया गया। चावल जमा न होने के पीछे तर्क लाॅकडाउन का दिया जा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और है।
इस संबंध में करनाल राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान विनोद ने कहा कि सरकारी चावल को बाजार में बेचने की उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते राइस मिलों में 45 दिन काम नहीं हुआ। वहीं इस बारे जिला उपायुक्त निशांत यादव ने कहा कि सरकारी चावल को अगर बाजार में बेचा गया है तो इसकी जांच करवाई जाएगी। जो भी इसमें दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।