हरियाणा: एक और चावल घोटाला, विभाग को लगा सवा आठ करोड़ रुपये का चूना

Edited By vinod kumar, Updated: 31 Jul, 2020 02:08 PM

हरियाणा में करनाल के बाद अब यमुनानगर जिला में चावल घोटाला सामने आया है। यहां एक राइस मिलर ने 22 हजार 671 क्विंटल चावल का गबन किया है। जिससे विभाग को करीब सवा आठ करोड़ रुपये का चूना लगा है। इसको लेकर हैफेड ने राइस मिलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है।

यमुनानगर (सुमित): हरियाणा में करनाल के बाद अब यमुनानगर जिला में चावल घोटाला सामने आया है। यहां एक राइस मिलर ने 22 हजार 671 क्विंटल चावल का गबन किया है। जिससे विभाग को करीब सवा आठ करोड़ रुपये का चूना लगा है। इसको लेकर हैफेड ने राइस मिलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है।

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जानकारी के मुताबिक पंजाब के पटियाला के गांव बहादुरगढ़ निवासी दिनेश कुमार का श्रीराम एग्रो फूड्स के नाम से राइस मिल है। हैफेड ने उसके साथ इकरारनामा किया गया था कि वर्ष 2019-20 के दौरान 42490 क्विंटल जीरी का चावल तय समय सीमा में लौटाना होगा। जो 28 हजार 468 क्विंटल बनता था, लेकि मिलर ने मात्र 5796 क्विंटल ही चावल लौटाया। शेष चावल नहीं दिया गया। जिस पर विभाग ने कमेटी बनाकर 25 जून को मिल की भौतिक जांच कराई। जिसमें 30217.81 क्विंटल जीरी कम पाई गई। 

वही जांच के बाद 27 की रात को इस राइस मिल में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई थी। उस समय दावा किया गया था कि आग से मिल का सारा सामान व स्टॉक जलकर राख हो गया है। इसके बाद से ही मिल सवालों के घेरे में था, क्योंकि इस मिल ने पहले ही काफी कम चावल वापस किया था। जिससे इसकी गतिविधि संदिग्ध लगी। 

इस पर अधिकारियों को शक था। इसके बाद जांच की गई थी। जिसमें स्टॉक काफी कम मिला, जबकि सरकार का नियम है कि राइस मिलर को पूरा चावल वापस करना होता है। अब इस मामले में केस दर्ज होने से अन्य राइस मिलरों में भी हड़कंप मचा हुआ है।

जिले में 159 राइस मिलर
बता दें कि जिले में 159 राइस मिलर हैं। जिनको कुल 7159570 क्विंटल धान कुटाई के लिए दिया गया था। वर्ष 2019 में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 355225 क्विंटल, हैफेड ने 117412 व हरियाणा वेयरहाउस कार्पोरेशन ने 243320 क्विंटल धान मिलरों को दिया था। 67 प्रतिशत के हिसाब से मिलरों को 479691 क्विंटल चावल कुटाई के बाद लौटाना था। 

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30 दिसंबर तक मिलरों को 30 प्रतिशत, जनवरी, फरवरी व मार्च में 20-20 प्रतिशत तथा अप्रैल में शेष 10 प्रतिशत चावल लौटाना था। पहले चावल लौटाने की आखिरी तारीख 30 अप्रैल थी। जिसे बढ़ाकर पहले 30 जून व बाद में 15 जुलाई तक कर दिया गया। 159 राइस मिलों में से हैफेड ने 72 और हैफेड व एचडब्ल्यूसी ने 87 मिलों को धान दे रखा है। 

135 मिलर 100 फीसदी चावल तीनों एजेंसियों को वापस लौटा चुके
159 में से करीब 135 मिलर 100 फीसदी चावल तीनों एजेंसियों को वापस लौटा चुके हैं। करीब 25 मिल ऐसी हैं जिन्होंने चावल नहीं लौटाया। छछरौली एरिया के मिल से तो केवल 20 फीसदी चावल ही वापस किया है। अन्य का 50 से 80 फीसदी चावल बकाया है। 

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को 67 प्रतिशत के हिसाब से 2380010 क्विंटल चावल मिलना चाहिए था। परंतु 15 जुलाई तक 226809 क्विंटल ही चावल मिला। 11192 क्विंटल चावल मिलों में ही पड़ा है। इस विभाग के 10 मिलर ऐसे हैं जिन्होंने आखिरी तारीख बीतने पर भी चावल नहीं लौटाया। जिनमें सबसे ज्यादा सात मिल सरस्वती नगर से, दो छछरौली व एक जगाधरी से है। 

इसी तरह हैफेड को मिलरों ने 786660 क्विंटल चावल लौटाना था। परंतु 772100 क्विंटल चावल ही वापस आया। 64560 क्विंटल चावल राइस मिलरों ने वापस नहीं किया। इनके सात मिलरों ने चावल नहीं दिया। जिसमें तीन सरस्वती नगर से, एक रणजीतपुर, एक रादौर, दो छछरौली एरिया से हैं। इसी तरह हरियाणा वेयरहाउस कार्पोरेशन को 1630240 क्विंटल चावल में से अभी 146880 क्विंटल चावल ही आ पाया है।

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