न.प. ने विवादित भूखंड पर लाखों खर्च कर बना दिया पार्क

Edited By Shivam, Updated: 02 Mar, 2019 03:01 PM

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अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाजा, वाली बात कभी महाकवि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अपने प्रहसन के माध्यम से कही थी लेकिन शहर की नगर परिषद ने इसी तर्ज पर अपनी कार्रवाई को दर्शा दिया है। मामला शहर के रेवाड़ी रोड पर बनाए जा रहे एक पार्क का...

नारनौल (संतोष): अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाजा, वाली बात कभी महाकवि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अपने प्रहसन के माध्यम से कही थी लेकिन शहर की नगर परिषद ने इसी तर्ज पर अपनी कार्रवाई को दर्शा दिया है। मामला शहर के रेवाड़ी रोड पर बनाए जा रहे एक पार्क का है। यह पार्क नगर परिषद ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद बनाने का काम शुरू कर दिया। इस पार्क पर नगर परिषद ने 40 लाख रुपए खर्च भी कर दिए हैं। जब इस भूखंड के मालिक को इसकी जानकारी मिली तो मालिक सीधा उच्च न्यायालय में जा पहुंचा तथा पहले से इस भूखंड पर स्थगन आदेश का विवरण देते हुए नगर परिषद के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील कर दी। आज की स्थिति में नगर परिषद के अधिकारी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश निरस्त करवाने के लिए न्यायालय के चक्कर लगाने पर मजबूर हो रहे हैं। इस पूरे मामले में सबसे बड़ा आश्चर्य यह है कि नगर परिषद के अधिकारियों को इसकी पूरी जानकारी काफी पहले से ही थी। इस सबके बावजूद इस भूखंड पर पार्क बनाने के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए।

न.प. ने 20 जनवरी को किया था प्रस्ताव पास
नगर परिषद ने इस स्थान पर 20 जनवरी को एक प्रस्ताव पास करते हुए यहां पर अटल पार्क बनाने की बात कही थी। जिस समय यह प्रस्ताव पास किया गया था उस समय नगर परिषद के अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी। पूरी जानकारी के बावजूद यहां पार्क बनाने का प्रस्ताव पास कर उस स्थान पर 40 लाख की मिट्टïी डालने तथा दीवार बनाने का काम शुरू कर दिया गया। लगभग एक मास के दौरान ही इस भूखंड पर जल्दबाजी करते हुए चारदीवारी तथा मिट्टïी के भरत का काम शुरू हो गया। इसकी दीवार को पूरा काम भी अभी नहीं हुआ है तथा मिट्टïी का काम भी अधूरा है। जब इस स्थान पर पार्क बनाने के काम की कथित मालिक को जानकारी मिली तो वे एक बार फिर उच्च न्यायालय में जा पहुंचे तथा इस पर स्टेटस को ले लिया। जिसकी सूचना नगर परिषद तथा जिला प्रशासन को दे दी गई। उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई 1 मई को होगी।

मिट्टी तथा चारदीवारी के काम में भी भ्रष्टाचार का संदेह
जिस जल्दबाजी में इस भूखंड पर पार्क बनाने का काम किया गया उससे सब कुछ ठीकठाक दिखाई नहीं दे रहा है। केवल एक ही मास में यहां आधी-अधूरी चारदीवारी तथा मिट्टïी के भरत का अधूरा काम किया गया है, इसमें यहां के लोगों ने नगर परिषद पर भ्रष्टïाचार का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। जानकार लोगों ने बताया कि इस भूखंड पर 5 से 7 लाख रुपए की मिट्टïी तथा लगभग 5 से 7 लाख रुपए चारदीवारी में खर्च किए गए हैं जबकि नगर परिषद यह दावा कर रही है कि इस पर 40 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। 
 

उपायुक्त को भी सूचना दे दी गई थी
इस भूखंड के मालिक हुडा सैक्टर एक निवासी सीताराम गर्ग पुत्र मदन लाल ने बताया कि वे इस मामले को लेकर 6 फरवरी को उपायुक्त के पास भी गए थे लेकिन वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई तथा न ही उनकी शिकायत ली गई। उसी दिन उपायुक्त के कार्यालय के फैक्स पर उक्त शिकायत भेज दी गई थी। इसके बाद भी इस मामले पर शिकायतकत्र्ता को कोई राहत नहीं मिली।

क्या कहते हैं न.प. सचिव-
यह पूरी जमीन नगर परिषद की मलकीयत है तथा इस पर नगर परिषद का वर्षों से कब्जा है। नगर परिषद ने न्यायालय के आदेश के बाद अपना कब्जा लिया था। जिसके बाद ही इस पर अटल पार्क बनाने का काम शुरू किया है तथा सीवरेज प्लांट लगाया गया है। इस पर कुछ दिन पूर्व स्थगन आदेश आया है जिस पर नगर परिषद एक बार फिर उच्च न्यायालय में जाकर इस स्थगन आदेश को निरस्त करवाने का प्रयास करेगी। उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद से ही इस पर काम रोक दिया गया है। वे न्यायालय के आदेश की पालना करते हुए सभी काम करेंगे। 

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