शहर के सबसे पुराने ओवरब्रिज का नवीनीकरण शुरू, NHAI ने शुरू करवाया काम

Edited By Shivam, Updated: 25 Feb, 2019 11:27 AM

renovation started the oldest overbridge in the city

शहरवासियों के एक राहत भरी खबर यह है कि अब उन्हें शहर के सबसे पुराने लोहारू रोड ओवरब्रिज पर शीघ्र ही हिचकोले खाने से निजात मिलने वाली है। इसका कारण यह है कि नैशनल हाईवे अथॉरिटी ने इस ओवरब्रिज पर बनी सड़क को नए...

भिवानी: शहरवासियों के एक राहत भरी खबर यह है कि अब उन्हें शहर के सबसे पुराने लोहारू रोड ओवरब्रिज पर शीघ्र ही हिचकोले खाने से निजात मिलने वाली है। इसका कारण यह है कि नैशनल हाईवे अथॉरिटी ने इस ओवरब्रिज पर बनी सड़क को नए सिरे से बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा इस ओवरब्रिज की कई जगह से टूटी हुई रैङ्क्षलग की जगह नई रैङ्क्षलग लगाने के काम का भी ठेका दे दिया है। इस दोनों कामों पर विभाग 70 से 80 लाख रुपए खर्च करेगा।

बता दें कि शहर में पहला रेलवे ओवरब्रिज लोहारू रोड पर 80 के दशक में बना था। उसके बाद शहर में पिछले कुछ सालों में ही तोशाम रोड और हांसी रोड पर ओवरब्रिज बने हैं। वहीं जिस समय लोहारू रोड ओवरब्रिज बना था तब से लेकर अब तक इसकी रिपेयर पर कभी ध्यान नहीं दिया गया था। इसके चलते इस ओवरब्रिज पर इस समय गड्ढे बने हुए थे और इन गड्ढों में लोगों को हिचकोले खाते हुए निकलना पड़ता था। इसके अलावा इस ओवरब्रिज की इस समय जगह जगह से रैङ्क्षलग भी टूटी हुई है। 

2014 में नैशनल हाईवे के अधीन आया यह ओवरब्रिज 
पहले यह ओवरब्रिज पी.डब्ल्यू.डी. के अधीन था। मगर विभाग ने इस ओवरब्रिज की टूटी सड़क पर पैचवर्क करने के अलावा और कोई काम नहीं कराया। वहीं फरवरी 2014 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने रोहतक, भिवानी, लोहारू होते हुए पिलानी और राजगढ़ तक के मार्ग को नैशनल हाईवे का दर्जा दिया था। इसलिए उस दर्जे के चलते यह ओवरब्रिज नैशनल हाईवे के अधीन आ गया। 

एन.एच. ने बाकी काम तो शुरू कर दिया, लेकिन ओवरब्रिज की सुध ली अब 
इसके बाद नैशनल हाईवे अथॉरिटी ने इस ओवरब्रिज के दोनों और सड़क बनाकर उनके बीच डिवाइडर बनाने का काम पूरा कर दिया था। मगर इस ओवरब्रिज की खस्ता हालत के बारे में अभी तक ध्यान नहीं दिया था। मगर अब एन.एच. ने इस ओवरब्रिज की सुध लेते हुए इसका सुधारीकरण शुरू कर दिया है। इसके तहत इस ओवरब्रिज पर बनी सड़क को विभाग ने रविवार से उखाडऩा शुरू कर दिया है। 

ताकि ओवरब्रिज पर न बढ़े ज्यादा बोझ 
विभाग द्वारा इस सड़क को उखाडऩे के पीछे यह कारण है कि अगर विभाग इसी सड़क पर नई लेयर लगाता तो इस ओवरब्रिज पर बोझ बढ जाता जिससे इसके टूटने की संभावना बन जाती। इसी के चलते विभाग इस सड़क को उखाड़कर इसके मलबे को दूसरी जगह डाल यहां नए सिरे से सड़क बनाएगा। इसके अलावा इस ओवरब्रिज की जगह जगह से टूटी हुई रैङ्क्षलग को भी ठीक किया जाएगा। विभाग का दावा है कि यह पूरा काम मार्च के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को हिचकोलों से निजात मिल जाएगी। 

50 से 60 हजार वाहनों का होता है रोजाना आवागमन 
लोहारू रोड ओवरब्रिज को इस समय शहर का सबसे व्यस्त ओवरब्रिज माना जाता है। इसका कारण यह है कि इसी ओवरब्रिज के माध्यम से दिल्ली, रोहतक और शहर से राजस्थान को जाने वाले सभी तरह के वाहन यहीं से होकर गुजरते हैं। इसके अलावा इसी ओवरब्रिज के माध्यम से लोहारू, बहल, झुप्पा, दादरी, झोझू, देवसर होकर तोशाम जाने वाले वाहन भी गुजरते हैं। इस लिहाज से मोटे तौर पर इस ओवरब्रिज से रोजाना 50 से 60 हजार वाहनों का आवागमन होता है। 

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