किसान एकता ने अंग्रेजी तानाशाह शासन को झुकाया था, भाजपा का भ्रम भी टूटेगा: राव

Edited By Shivam, Updated: 17 Jan, 2021 08:08 PM

rao said kisan ekta had tilted the british dictator rule

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की तुलना अंग्रेजी हुकूमत से करते हुए कहा अंग्रेजी तानाशाह शासन भी एक दौर में इसी तरह देश के...

गुरुग्राम (गौरव): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की तुलना अंग्रेजी हुकूमत से करते हुए कहा अंग्रेजी तानाशाह शासन भी एक दौर में इसी तरह देश के किसानों के प्रति क्रूर हुआ था। उस समय भी किसान एकता ने अंग्रेजी हुकूमत की झुकाया था। देश का अन्नदाता मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का भ्रम भी तोड़कर ही दम लेगा। 

राव ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत ने 1907 में आज की ही तरह कृषि और किसानों के लिए काले कानून बनाए थे, जिन्हें देश के किसानों ने मानने से इनकार कर दिया था। उस समय संयुक्त पंजाब (पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश) के किसानों उन काले कानूनों के खिलाफ बिगुल बजाया था। जिसकी अगुआई शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह ने की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की मंशा बातचीत को लंबा खींचकर आंदोलन को खत्म कराने की है, जिसे किसान और देश की जनता समझ चुकी है। अगर सरकार देश के अन्नदाता  की समस्या को समझती तो अभी तक कानून रद्द करने का फैसला ले लिया गया होता। लेकिन सरकार इस मुगालते में है कि आंदोलन से ऊब कर किसान अपने घरों को लौट जाएंगे। सरकार का यही भ्रम देश का अन्नदाता तोडऩे का मन बना चुका है। 

राव ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के समय भी किसान आंदोलन पूरे आठ महीने तक चला था। किसानों ने कानूनों को रद्द करा कर ही दम लिया था। देश में एक बार फिर वही स्थिति बन रही है। इस बार भी देश का अन्नदाता मोदी सरकार का भ्रम तोड़कर कानूनों को रद्द करवाकर ही दम लेगा, इसके लिए चाहे आंदोलन कितना भी लंबा चले या किसानों को कोई भी कीमत चुकानी पड़े। जान से बढ़कर कीमत क्या होगी। आए दिन किसान अपनी जान गंवा रहे हैं। सरकार इससे अधिक किसानों का और क्या इम्तिहान लेगी। उन्होंने कहा कि लगातर नौ दौर की वार्ता के विफल होने के पीछे केवल और केवल सरकार का तानाशाह रवैया है। अगर सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर काले कानूनों को रद्द करने का निर्णय कर लें तो तत्काल किसान अपने घरों को लौटने को तैयार हैं। किसानों ने अपने रुख से सरकार को बता भी दिया है कि जब तक कानून वापिस नहीं होते, किसानों की घर वापसी भी नहीं होगी। 

उन्होंने कहा कि हर वार्ता बैठक के बाद अगली तारीख दे दी जा रही है। जब सरकार झुकने को तैयार ही नहीं है तो वार्ता का क्या लाभ। कानूनों को रद्द कर सरकार सारे ड्रामे पर विराम लगा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में लोगों ने आंदोलन नहीं किए, लेकिन कांग्रेस लोगों की बात को सुनती थी और उनका समाधान करती थी। लेकिन भाजपा ना लोगों की सुनती है और न ही समस्याओं का समाधान करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। कांग्रेस किसानों के हर संघर्ष में कदम से कदम मिलाकर साथ चलेगी। पार्टी के नेता राहुल गांधी पहले ही साफ कर चुके हैं कि पार्टी किसानों पर किसी भी तरह का अत्याचार सहन नहीं करेगी। पार्टी को इसके लिए किसी भी स्तर पर लड़ाई लडऩी पड़े।
 

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