भारी ‘जनसमूह’ के जरिए नड्डा व खट्टर का ‘दिल’ जीत गए रणजीत

Edited By Virender Sharma, Updated: 10 Mar, 2020 10:32 AM

ranjit wins the heart of nadda and khattar through massive mass gathering

भारी ‘जनसमूह’ के जरिए नड्डा व खट्टर का ‘दिल’ जीत गए रणजीत अपने पिता एवं देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व.चौ. देवीलाल के न्याययुद्ध के दौर से लगातार हरियाणा में सफल रैलियां करने में माहिर रानियां के वर्तमान निर्दलीय विधायक एवं प्रदेश सरकार में बिजली...

संजय अरोड़: भारी ‘जनसमूह’ के जरिए नड्डा व खट्टर का ‘दिल’ जीत गए रणजीत अपने पिता एवं देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व.चौ. देवीलाल के न्याययुद्ध के दौर से लगातार हरियाणा में सफल रैलियां करने में माहिर रानियां के वर्तमान निर्दलीय विधायक एवं प्रदेश सरकार में बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह ने रविवार को अपने रण क्षेत्र के गांव खारियां में एक बार फिर बड़ी एवं सफल रैली करके जहां अपने सियासी कौशल एवं जमीनी पकड़ को साबित किया तो वहीं भारी जनसमूह के जरिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का दिल जीतने का भी काम किया।

 यही वजह रही कि इस प्रगति रैली में उमड़ी भीड़ से प्रफुल्लित जे.पी. नड्डा व मनोहर लाल खट्टर अपने संबोधन में रैली के आयोजक रणजीत सिंह को पूरे नंबर देते हुए उनकी जमकर पीठ थपथपाते हुए अपने ‘रिश्तों’ को इस कदर मजबूत कर गए कि रैली के बाद हरियाणा की सियायत में जाट नेता के तौर पर रणजीत सिंह का सियासी कद बढ़ गया।

भाजपा नेताओं को भी एकजुट कर गई रैली
गौरतलब है कि बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह द्वारा 8 मार्च की इस प्रगति रैली को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारियां की जा रही थीं और जिस तरह से खारियां में होने वाली इस रैली को वन मैन शो माना जा रहा था, उसे देखते हुए रैली में आने वाली भीड़ को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे और इस रैली की तैयारियों के शुरूआती दौर में जिस प्रकार भाजपा के कई नेता दूरी बनाए हुए थे उसे लेकर भी विभिन्न चर्चाएं सियासी गलियारों में चल रही थीं। 

इन सबके बीच रणजीत सिंह का यही दावा था कि न तो भाजपा नेताओं की रैली से दूरियां रहेंगी और न ही रैली में आने वाली भीड़ को लेकर कोई शंका रहेगी और हुआ भी ऐसा ही क्योंकि रैली के मंच पर नेताओं की उपस्थिति और पंडाल में मौजूद भीड़ ने इन तमाम कयासों पर विराम लगा दिया। 

उल्लेखनीय है कि सिरसा जिला में भाजपा नेताओं के मतभेद सर्वविदित हैं मगर रणजीत सिंह की रैली पार्टी के तमाम नेताओं को एक साथ मंच पर लाकर एकजुटता का भी संदेश दे गई। रैली में सत्ता में भागीदार जजपा नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था और मंच पर लगे बैनर पर उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का भी चित्र था।

रणजीत की रैली के ये हैं मायने
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि रानियां विधानसभा क्षेत्र के गांव खारियां में हुई रैली राजनीति की भावी तस्वीर को भी लगभग साफ करती नजर आई। इस रैली के मंच पर जे.पी. नड्डा और मनोहर लाल खट्टर द्वारा यह साफ कहना कि रणजीत सिंह हमारे हैं और हम इनके और न हम इनको छोड़ेंगे और न ही इन्हें कहीं जाने देंगे, ये वाक्य साफ इशारा कर रहे हैं कि अब सिरसा जिला में भाजपा की भावी रणनीति चौ. रणजीत सिंह के ईर्द-गिर्द ही घूमने वाली है।

 उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में भाजपा पहली बार बेशक हरियाणा की सत्ता पर काबिज हुई लेकिन सिरसा में कहीं कमल नहीं खिला और वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में भी सिरसा जिला में स्थिति कमोबेश वर्ष 2014 जैसी ही रही। ऐसे में पर्यवेक्षकों का मानना है कि रैली से अपना जनाधार दिखाने वाले रणजीत सिंह भाजपा के लिए भविष्य की राजनीति के लिहाज से एक बड़ा चेहरा बन सकते हैं। 

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