Edited By vinod kumar, Updated: 28 Aug, 2020 09:58 AM
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र, जो पहले दो दिनों 26 अगस्त और 27 अगस्त के लिए होना तय हुआ था, परंतु सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इसे एक दिन के लिए ही करने जिसमें अति आवश्यक सरकारी और विधायी कार्य निपटाने एवं इसके बाद सदन को अनिश्चितकाल...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र, जो पहले दो दिनों 26 अगस्त और 27 अगस्त के लिए होना तय हुआ था, परंतु सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इसे एक दिन के लिए ही करने जिसमें अति आवश्यक सरकारी और विधायी कार्य निपटाने एवं इसके बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर उसे आगामी किसी उपयुक्त तिथि को बुलाया का निर्णय किया गया। जिसमें शेष कार्य संपन्न करवाए जाएंगे।
इस बारे विधानसभा के पूर्व सेक्रेटरी एवं कानून विशेषज्ञ रामनारायण यादव ने बताया कि सदन जब चाहें स्पीकर तब बुला सकते है, क्योंकि सत्रावसान नहीं हुआ, अनिश्चितकालीन स्थगित हुआ हैं। यादव ने कहा कि हमारे यहां दो प्रथा है एक तो सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाए या किसी विशेष तारीख के लिए स्थगित किया जाए। इससे विशेष तिथि के लिए स्थगित नहीं किया है। अनिश्चितकाल में कल भी बुलाया जा सकता है, 10 दिन बाद भी बुलाया जा सकता है और कभी भी बुलाया जा सकता है।
अगर उसे राज्यपाल ने प्रोलोग नहीं किया। यादव ने बताया कि यह काफी सराहनीय है कि जो भी जरूरी काम सरकार के थे पूरे कर लिए गए। सप्लीमेटली एस्टीमेट जो लोकहित के काम थे वो पास कर दिए गए हैं। इसके अलावा जो विधेयक भी आए है, जो पास किए हैं।
हमारी विधानसभा या संसद का काम ये है कि जो सरकार के काम है उनको पूरा कर लिया जाए। अब हम जब कोरोना को फेस कर रहे हैं, हमारे पास समय नहीं है, हमारे मेंबर भी पॉजिटिव पाए गए। एक दिन में विधानसभा में इतना काम करके अच्छा काम किया गया।
रामनारायण यादव ने बताया कि रूल 16 रूल ऑफ प्रोसिजर कन्डक्ट ऑफ बिजनेस के अन्दर सरकार का सारा काम पूरा होने के बाद स्थगित कर दिया जाता है। अनिश्चितकाल का मतलब यह होता है कि राज्यपाल जब तक प्रोलोग नहीं करते तब तक विधानसभा सेशन में मानी जाती है। उस दौरान स्पीकर कभी भी चाहेगें तो वो बैठक बुला सकते हैं।