Edited By Updated: 17 Mar, 2017 03:49 PM
अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे जाट समुदाय के लोगों के आगे हरियाणा सरकार झुक गई है।
नई दिल्ली (कमल कुमार):अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे जाट समुदाय के लोगों के आगे हरियाणा सरकार झुक गई है। सरकार ने जाटों की सभी सात मांगें मान ली हैं। दिल्ली के हरियाणा भवन में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कैबिनेट मंत्री और जाटों से बातचीत के लिए बनाई गई नई कमेटी के अध्यक्ष रामबिलास शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। रामबिलास ने कहा कि सरकार ने जाट समुदाय के लोगों की सभी सात मांगें मान ली हैं और कल से जाटों का धरना खत्म हो जाएगा। साथ ही जाट अब 20 मार्च के संसद घेराव का कार्यक्रम रद्द कर देंगे। साथ ही प्रदेश में दस धरनास्थलों को छोड़ कर सभी जगहों से धरने उठा लिए जाएंगे। हालांकि जाट प्रतिनिधियों का इस संबंध में कोई बयान अभी नहीं आया है। इससे पहले जाटों और सरकार के बीच होने वाली बैठक में सीएम के न पहुंचने के चलते बैठक को रद्द कर दिया गया था। जाटों ने साफ कहा था कि वे सीएम के अलावा किसी से फाइनल बात नहीं करेंगे। कैबिनेट मंत्री रामबिलास का कहना है कि जाट नेता यशपाल मलिक से बात हुई है उसके बाद ही उन्होंने यह प्रेस कांफ्रेंस की है। रामबिलास ने बताया कि मुख्यमंत्री व्यस्तता के कारण दिल्ली नहीं आ सके, सीएम चंडीगढ़ से प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी देंगे।
जानिए किन-किन मांगों पर झुकी सरकार
-हाई कोर्ट से फैसला आने पर जाटों को 9वीं सूचि में शामिल किया जाएगा।
-पिछले साल हिंसक आंदोलन में दर्ज सभी मुकदमों की जांच दोबारा होगी।
-आंदोलन के दौरान दोषी पाए गए अधिकारियों को सजा दी जाएगी।
-60 दिन के अंदर आंदोलन में मारे गए लोगों के आश्रितों को नियुक्ति दी जाएगी।
-15 दिनों में सभी पीड़ितों को मुआवजा राशि वितरित की जाएगी।
-90 पीड़ितों को 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक की सहायता दी गई है।
-सांसद सैनी पर कार्रवाई को लेकर मलिक नरम, कार्रवाई पर अड़ेंगे नहीं।