दिल्ली की कील निकालकर ही लौटेंगे घर : राकेश टिकैत

Edited By Manisha rana, Updated: 13 Feb, 2021 09:22 AM

rakesh tikait will return home after removing delhi s nail

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का पूरजोर समर्थन करने के लिए दलाल खाप-84 की ओर से शुक्रवार बहादुरगढ़ बाईपास के साथ लगती जमीन पर किसान महापंचायत का आयोजन हुआ। इसमें संयुक्त किसान...

बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का पूरजोर समर्थन करने के लिए दलाल खाप-84 की ओर से शुक्रवार बहादुरगढ़ बाईपास के साथ लगती जमीन पर किसान महापंचायत का आयोजन हुआ। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े नेताओं, खाप, तपों से जुड़े लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महापंचायत के मुख्य मंच से किसान नेताओं ने जहां सरकार के खिलाफ जमकर हुंकार भरी, वहीं किसानों की मांगें न माने जाने को लेकर आंदोलन को तेज करने पर भी बल दिया।

केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता डॉ. दर्शनपाल सिंह व भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत, गुरुनाम सिंह चढूनी के अलावा विभिन्न किसान नेताओं ने एक बार फिर से किसानों में जोश भरते हुए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग भी इस महापंचायत से उठाई। राकेश टिकैत ने मंच से हल चलाने वाला हाथ नहीं जोड़ेगा का नारा देते हुए कहा कि 3 बिलों को वापस लो, एम.एस.पी. कानून लागू करो, मुकद्दमे वापस लो। तब ही घर वापसी होगी। हमारा लक्ष्य आंदोलन से 40 लाख ट्रैक्टरों को जोडऩा है। राकेश टिकैत ने कहा कि जहां-जहां भी संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी। आंदोलन में जो भी ट्रैक्टर शामिल होगा, उस पर लिखो किसान क्रांति यात्रा 26 जनवरी 2021। पूरे देश के किसानों को इस आंदोलन से जोड़ेंगे, जब जरूरत होगी वह दिल्ली की तरफ कूच करेगा। बुजुर्गों की कहावत पर 2 अक्तूबर तिथि दी गई। दिल्ली की कील निकालकर ही वापस घर लौंटेंगे। 

खापों ने अपने हाथों में ली आंदोलन की बागड़ोर
महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन की बागड़ोर अब खापों ने अपने हाथों में ले ली है, अब कोई भी किसानों को हरा नहीं सकता। अब जीत निश्चित होगी और नए नारों के साथ होगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसे केवल पंजाब का आंदोलन बता रहे थे। मगर केवल पंजाब का नहीं, बल्कि अब पूरे देश का है। टिकैत ने कहा कि देशभर में किसानों के समर्थन में महापंचायतों का आयोजन हो रहा है। ये किसान आंदोलन को मजबूत करने का काम कर रही है। अब आंदोलन को और तेज किया जा रहा है। जो कच्चे मोर्चे राजधानी की सड़कों पर किसानों ने बनाए थे उन्हें अब पक्का किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार तीनों कानूनों को निरस्त करें और एम.एस.पी. की गारंटी दें। यदि सरकार नहीं मानती तो हमें अपना आंदोलन और तेज करना होगा। उन्होंने मंच से किसानों से पैदल मार्च के लिए भी तैयार रहने की अपील की। राकेश टिकैत ने कहा कि सिंघू बार्डर से संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से जो ऐलान किया जाएगा उसका सभी को पालन करना है।

सरकार दे एम.एस.पी. की गारंटी : चढूनी
वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। कई अन्य किसान नेताओं ने कहा कि एम.एस.पी. को लेकर प्रधानमंत्री देश की जनता में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। सभी फसलों की एम.एस.पी. पर खरीद की गारंटी सरकार को देनी चाहिए। जो एम.एस.पी. से कम पर फसल खरीदें उसके लिए सजा का प्रावधान भी होना चाहिए। किसान नेताओं का साफ तौर पर कहना है कि सरकार एम.एस.पी. पर लिखित में गारंटी दे। महापंचायत के मंच से किसान नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक कॉल की दूरी वाले बयान पर भी निशाना साधा। किसान नेता कई बार मीडिया के माध्यम से कह चुके हैं कि वे बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन सरकार बातचीत ही नहीं करना चाहती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के किसानों के साथ मजाक कर रहे हैं। महापंचायत के दौरान दलाल खाप-84 के प्रधान भूप सिंह दलाल समेत दलाल खाप के अलावा विभिन्न खापों, तपों से जुड़े पदाधिकारी व हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहे।

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