सचिन पायलट को मनाने में जुटे कै. अजय यादव, कहा- कांग्रेस में ही आपका भविष्य उज्ज्वल

Edited By Shivam, Updated: 13 Jul, 2020 11:16 PM

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राजस्थान की सियासत में उठापटक की आंच अब हरियाणा तक भी पहुंचने लगी है। सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी राजस्थान की सरकार गिराने के पैंतरे तैयार कर रही है। वहीं राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व विधायक सचिन पायलट को लेकर भी काफी संजीदगी...

हरियाणा डेस्क: राजस्थान में चल रहे सियासी संकट की आंच अब हरियाणा तक भी पहुंच गई है। सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी राजस्थान की सरकार गिराने का प्रयास कर रही है। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। आशंका जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह सचिन पायलट भी कांग्रेस को झटका दे सकते हैं। इसी आशंका के चलते हरियाणा में पूर्व मंत्री रहे कैप्टन अजय यादव भी सचिन पायलट को मनाने में जुट गए हैं।

कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव ने आज दिन भर में पायलट के संबंध में तकरीबन 5 ट्वीट किए और उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं। जिस तरीके से कैप्टन अजय अपने ट्वीट में लिख रहे हैं, उससे यह लगता है कि शायद सचिन कांग्रेस छोड़ रहे हैं। अजय यादव ने ट्वीट कर कहा, 'सचिन पायलट जी मैंने आपके पिता किसान नेता स्वर्गीय राजेश पायलट जी के साथ भी काम किया है मेरा आपको केवल इतना ही परामर्श है की आपकी लंबी राजनीति है जो भी फैसला लें उसको सोचे समझे तो लें और फिर फैसला ले आपका कांग्रेस में भविष्य उज्जवल है।'


कै. अजय ने पायलट को मनाने की शैली में लिखते हुए अपना दर्द भी साझा किया और कहा कि सत्ता में रहकर भी शक्तिहीन होना वे समझते हैं, लेकिन वे कांग्रेस में ही रहे हैं। कैप्टन कहते हैं कि सचिन को भी पार्टी नहीं छोडऩी चाहिए।

 

वहीं कांग्रेस के हाईकमान की ओर से जयपुर भेजे गए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 48 घंटे में कांग्रेस ने कई बार सचिन पायलट से बात की है। उन्‍होंने कहा कि कभी-कभी वैचारिक मतभेद उत्पन्न होता है, लेकिन इससे अपनी ही सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं है।  अगर कोई मतभेद है तो कांग्रेस आलाकमान के दरवाजे सचिन पायलट समेत सभी के लिए खुले हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुवाई में हम इसका समाधान निकालेंगे, व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के लिए सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं है। 

ध्यान रहे कि यदि सचिन कांग्रेस छोड़ते हैं तो इसके साथ ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर गाज गिरने की संभावना काफी ज्यादा हद तक बढ़ जाएगी, क्योंकि सचिन पायलट ने दावा किया है कि उनके संपर्क में 30 विधायक में हैं। ऐसे में यदि पायलट अपने विधायकों को लेकर भाजपा खेमे में शामिल होते हैं, तो राजस्थान की गहलोत सरकार का गिरना तय है। हालांकि  सचिन अभी कांग्रेस में रहकर जो जगह उन्हें प्राप्त है, भाजपा में उन्हें वह स्थान मिलना मुश्किल है। ऐसे में सचिन का इस तरह कड़ा रूख अख्तियार करना उनके खुद के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

चर्चा है कि राजस्थान में भली भांति प्रकार से चल रही सरकार को डगमगा देने का आरोप भी सचिन पायलट पर लग रहा है। इसके अलावा कांग्रेस के ज्यादातर विधायक अभी भी गहलोत के साथ हैं, इसीलिए कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट से ज्यादा गहलोत को अहमियत दी है। वहीं, बीजेपी ने भी पायलट को सीएम बनाने से इनकार कर दिया है। इस उठापटक के बीच सचिन पायलट के समर्थक के रूप में माने जाने वाले कांग्रेस विधायक दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा ने कह दिया है कि वे कांग्रेस के सिपाही हैं और आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ ही रहेंगे। वहीं राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने दावा किया कि हमारे पास 109 विधायकों के समर्थन पत्र हैं। ऐसे में यह देखना है कि कांग्रेस में चल रहा सियासी तूफान किस ओर जाता है और कौन किस पर भारी पड़ता है।

 

 

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