Edited By Shivam, Updated: 25 Jun, 2018 10:34 PM
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने विधायक रेणुका बिश्नोई द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर की गई अमर्यादित टिप्पणी को बौखलाहट का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा कि रेणुका बिश्नोई शायद यह भूल गई हैं कि वर्ष 2009 में हजकां-बसपा गठबंधन टूटने के बाद...
चंडीगढ़ (धरणी): मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने विधायक रेणुका बिश्नोई द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर की गई अमर्यादित टिप्पणी को बौखलाहट का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा कि रेणुका बिश्नोई शायद यह भूल गई हैं कि वर्ष 2009 में हजकां-बसपा गठबंधन टूटने के बाद भाजपा-हजकां गठबंधन की बातचीत के दौरान चौधरी भजनलाल को गठबंधन का नेता बनाकर चुनाव में मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे खुद उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई ने सिरे से खारिज कर दिया था। इसीलिए गठबंधन की बात सिरे नहीं चढ़ी थी।
आज यहां विधायक रेणुका बिश्नोई की मुख्यमंत्री पर अमर्यादित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि गत दिवस हिसार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा ईमानदारी के साथ चौधरी भजनलाल के राजनीतिक जीवन की प्रशंसा की गई थी। उनके राजनीतिक जीवन में कामयाबी को रोकने में कुछ कांग्रेसी नेताओं और खुद उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई की अदूरदर्शिता आड़े आई।
विधायक बिश्नोई द्वारा भाजपा से गठबंधन वर्ष 2013 में होने और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की मृत्यु वर्ष 2011 में होने पर सवाल उठाया गया, जिसपर जैन ने कहा कि वर्ष 2009 में हजकां-बसपा का गठबंधन टूटने के बाद भाजपा हजकां की चर्चा हुई थी। जिसमें भाजपा ने भजनलाल को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश करने करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन कुलदीप बिश्नोई ने इसे सिरे से खारिज करते हुए खुद को मुख्यमंत्री दावेदार के तौर पर पेश करने पर जोर दिया, जिसे भाजपा ने इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के तौर पर कुलदीप बिश्नोई विधानसभा में क्षेत्र की आवाज उठाने में भी नाकाम रहे हैं। आज अस्तित्व खत्म होने के डर में विधायक रेणुका बिश्नोई मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लेकर अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर रही हैं, जिनकी निंदा की जाए, उतना कम है। उन्होंने कहा कि भजनलाल के निधन के बाद एक ओर कुलदीप बिश्नोई उनके पिता को मुख्यमंत्री बनने से रोकने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गोद मे जा बैठे, वहीं दूसरी ओर चंद्रमोहन इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के साथ पींगे बढ़ा रहे हैं। इससे साफ होता है कि इस परिवार के राजनीतिक वजूद का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।