सीएम की पंचायत पर नहीं, अपमान पर उमड़ा किसानों का आक्रोश: राजन राव

Edited By Shivam, Updated: 10 Jan, 2021 07:17 PM

rajan rao said outrage over farmers not over cm s panchayat insults

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने करनाल में सीएम मनोहर लाल की किसान पंचायत के प्रति उमड़े आक्रोश को किसानों के अपमान पर आक्रोश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह आक्रोश सीएम...

गुरुग्राम (मोहित): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने करनाल में सीएम मनोहर लाल की किसान पंचायत के प्रति उमड़े आक्रोश को किसानों के अपमान पर आक्रोश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह आक्रोश सीएम की पंचायत के प्रति नहीं बल्कि किसानों के आपमान के प्रति आक्रोश था।

उन्होंने कहा कि भाजपा को इससे सबक लेना चाहिए। आज की घटना ने यह साबित कर दिया कि किसान अब सरकार के झूठे झांसे में नहीं आने वाला। उसे हर कीमत पर अपने लिए इंसाफ चाहिए। इंसाफ के लिए देश का किसान अपनी आखिरी सांस तक लडऩे को तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान पंचायत के माध्यम से सीएम मनोहर लाल प्रदेश की जनता और मीडिया को भ्रमित करने की कोशिश में थे, लेकिन उनकी यह कोशिश जागरूक किसानों ने असफल कर दी। उन्होंने कहा कि किसानों को पता है कि क्या उनके हक में है और क्या नहीं। उन्हें किसान कानून के फायदे समझााने की कोशिश सीएम मनोहरलाल और पार्टी ने की लेकिन नतीजा सामने है। उनकी समस्याएं और नाराजगी को समझने की जरूरत खुद सीएम और उनकी पार्टी को है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ आए दिन किसान अपनी जिंदगी से हाथ धो रहा है, दूसरी ओर सरकार लोगों को भ्रमित करने पर तुली है। मृतक किसानों के प्रति सरकार ने किसी तरह की कोई सहानुभूति भी नहीं जताई। हरियाणा प्रदेश की सीमा में ही कितने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवा बैठे हैं। सरकार को किसानों के हक और उनके हित व उनकी शहादत नजर नहीं आ रही। भाजपा सरकार को पूंजीपतियों के हक दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जो किसानों ने करनाल में किया, यह अब पूरे देश में होगा। झूठ और भ्रम की राजनीति करने वालों को जनता ऐसे ही सबक सिखाएगी। 

उन्होंने कहा कि लोगों को विरोध भी नहीं करने दिया जा रहा। जब पहले से किसान पंचायत के प्रति लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी तो जबरदस्ती पंचायत आयोजित करने की क्या जरुरत पड़ गई। अधिकारियों के माध्यम से लोगों को धमकाया गया, कुछ लोगों को पहले ही नजरबंद कर दिया गया। यह सरासर सरकार कि तानाशाही है। बार बार किसानों के साथ बातचीत का स्वांग किया जा रहा है। बातचीत से पहले सरकार हल निकालने का आश्वासन देती है और बात चीत खत्म होते ही कानून रद्द नहीं होंगे का राग आलापती है। सरकार के इसी दोहरे चरित्र के कारण लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है।

राव ने कहा कि अभी तक किसानों ने अपने संयम और धैर्य पर काबू करते हुए शांतिपूर्ण तरीका अपनाया है। लेकिन अब सरकार और भाजपा नेताओं की हरकतों से किसानों का संयम व धैर्य जवाब देने लगा है। यह बात सरकार को समझनी चाहिए। सरकार खुद प्रदेश और देश का माहौल बिगाडऩे पर तुली है। भाजपा का प्रयास प्रदेश देश में आराजकता फैलाने का है, जैसा पहले आंदोलनों के दौरान होता आया है। लेकिन किसान आंदोलन में सरकार की यह मंशा भी सफल नहीं हो पा रही है। किसी भी तरह किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रपंच रचा जा रहा है।

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