Edited By vinod kumar, Updated: 11 May, 2020 06:21 PM
किसानों अपने ही पीला सोना यानी गेहूं की पेमेंट समय पर न मिलने से परेशान हैं। 24 घंटे में मिलने वाला पैसा 15 दिनों से ज्यादा समय के बाद भी नहीं मिल पा रहा है। ये सब सरकार की ऑनलाइन प्रणाली का परिणाम है, ये कहना है मंडी में गेंहू लेकर आए किसान और...
राेहतक (दीपक): किसानों अपने ही पीला सोना यानी गेहूं की पेमेंट समय पर न मिलने से परेशान हैं। 24 घंटे में मिलने वाला पैसा 15 दिनों से ज्यादा समय के बाद भी नहीं मिल पा रहा है। ये सब सरकार की ऑनलाइन प्रणाली का परिणाम है, ये कहना है मंडी में गेंहू लेकर आए किसान और आढ़तियों का। वहीं लगातार हो रही बेमौसमी बारिश से गेहूं खराब हो रही है, जबकि प्रसाशन दावे करता रहा है कि गेहूं का उठान लगातार जारी है।
गेहूं खरीद को लेकर सरकार की ऑनलाइन प्रणाली किसानों और आढ़तियों को रास नहीं आ रही है। अपनी फसल को लेकर आए किसानों को उनका पैसा समय पर नहीं मिल रहा है, यह आरोप खुद किसान लगा रहे हैं। 24 घंटे में मिलने वाले पैसों में 15 दिन से भी ज्यादा वक्त लग रहा है। जबकि किसान अपना पीला सोना यानी फसल बेचकर सपने पूरे करने की सोचता है।
वहीं लगातार हो रही बे बेमौसमी बारिश से भी किसान काफी परेशान है। जहां अनाज मंडी में खुले में रखा गेहूं बारिश के कारण भीग रहा है वही किसानों का गेहूं भी भीग रहा है। किसान दोबारा दोबारा से गेहूं को सुखाकर मंडी में लेकर आ रहा है, जिसके बाद दुखी किसान और परेशान हो जाता है।
अनाज मंडी में गेहूं लेकर आए किसान का कहना है कि सरकार द्वारा चलाई गई ऑनलाइन प्रणाली समझ से बाहर है। क्योंकि समय पर पैसा नहीं मिल रहा है इसलिए परेशानी हो रही है। वहीं दूसरी ओर आढ़तियों का कहना है कि पहले जो पैसा किसानों को हम देते थे अब सरकार सीधे खाते में डाल रही है।
पहले 24 घंटे के अंदर अंदर पैसा मिल जाया करता था, लेकिन अब 15 दिनों से भी ज्यादा समय लगता है जिससे किसान परेशान। अब आफत में पड़ा किसान समय पर पैसा ना मिलने से परेशान है, इसलिए हम भी किसान की मदद नहीं कर सकते। गौरतलब है कि किसानों का गेहूं ऑनलाइन प्रणाली के जरिए खरीदा जा रहा।