राफेल पर खड़े हुए 'सवाल' से फिर मचा सियासी 'बवाल'!

Edited By Manisha rana, Updated: 10 Apr, 2021 09:38 AM

question that stood on rafael again created a political  uproar

राफेल के दम को लेकर भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उनके तमाम मंत्रियों ने देश भर में काफी दंभ भरा है और इसके हिंदुस्तानी बेड़े में शामिल कर श्रेय लेने का दौर भी काफी चला मगर कांग्रेस द्वारा शुरूआती...

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : राफेल के दम को लेकर भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उनके तमाम मंत्रियों ने देश भर में काफी दंभ भरा है और इसके हिंदुस्तानी बेड़े में शामिल कर श्रेय लेने का दौर भी काफी चला मगर कांग्रेस द्वारा शुरूआती दौर से लेकर अब तलक राफेल की आड़ में हुुए भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास किया जाता रहा है। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला द्वारा राफेल को लेकर केंद्र सरकार पर किए गए भ्रष्टाचार के ‘वार’ ने फिर से सियासी ‘रार’ छेड़ दी है। यही नहीं सुरजेवाला ने तमाम दस्तावेजों और तथ्यों को पटल पर रखते हुए जहां राफेल की खरीद संबंधित मामलों पर सवाल खड़े किए हैं तो वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस मसले को लेकर पुन: सियासत गर्मा गई है और कांग्रेस व भाजपा आमने-सामने की स्थिति में दिखाई दे रही है। 

सुरजेवाला ने दावा किया है कि राफेल घोटाले में 2.81 बिलियन यूरो यानी 21075 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। सुरजेवाला ने खुलासा किया है कि मोदी सरकार द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार कर न केवल देश को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है बल्कि सरकारी खजाने में भी जमकर लूट की गई है। उन्होंने सवालों की फेहरिस्त में यह भी अहम सवाल खड़ा किया है कि आखिर एक प्राइवेट व्यक्ति एवं बिचौलिया इतना शक्तिशाली कैसे हो सकता है कि वह भारत के सबसे बड़े रक्षा सौदे में मोदी सरकार के निर्णयों को प्रभावित कर सके?

सुर्जेवाला ने ये रखे तथ्य
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सवालों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है। इसके अलावा सुरजेवाला ने राफेल खुलासे से संबंधित कई दस्तावेजों को लेकर तथ्य भी प्रस्तुत कर मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि क्या यह सच नहीं कि प्रवर्तन निदेशालय ने 26 मार्च 2019 को मारे गए छापे में एक बिचौलिए से रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज हासिल किए थे? जिनमें 10 अगस्त 2015 का बेंचमार्क प्राइज, रक्षा मंत्रालय के आई.एन.टी. द्वारा बातचीत का रिकार्ड, रक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बनाई गई गणना की एक्सेल शीट और भारत सरकार को 20 प्रतिशत छूट का यूरो फाइटर का काउंटर ऑफर जैसे दस्तावेज और रिकार्ड शामिल था। सुरजेवाला ने पूछा कि क्या यह राजद्रोह नहीं है? इसके अलावा मोदी सरकार ने डसॉल्ट, राजनीतिक कार्यकारिणी या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जिन्होंने ये दस्तावेज लीक किए? इसके अलावा मोदी सरकार इन सवालों का भी जवाब दे कि क्या भ्रष्टाचार विरोधी धाराएं राफेल सौदे में दी जाने वाली रिश्वत एवं कमीशन की जिम्मेदारी से बचने के लिए हटाई गईं? 

इन 19 सवालों का जवाब क्या?
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सुरजेवाला ने राफेल सौदे को लेकर सवालों की जो फेहरिस्त जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है उनमें 4 भागों में कुल 19 प्रश्न शामिल हैं। सुरजेवाला ने इन 19 प्रश्नों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए जहां इस बात को पुख्ता करने का प्रयास किया है कि राफेल सौदे में सब कुछ ठीक नहीं तो वहीं उन्होंने दो टूक ये भी कहा है कि मोदी सरकार अब छिपा नहीं सकेगी, उन्हें भारत के नागरिकों को जवाब देना ही पड़ेगा।

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