पंजाब यूनिवर्सिटी विवादः पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर ने लिखा केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र

Edited By Deepak Paul, Updated: 31 Jul, 2018 02:17 PM

punjab cm capt amarinder wrote letter to the union home minister

हरियाणा के साथ अंतरराज्यीय विवादों में फंसे पंजाब ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी के मौजूदा स्टेटस में किसी भी तरह के बदलाव की गुंजाइश को खारिज कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस सिलसिले में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह...

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा के साथ अंतरराज्यीय विवादों में फंसे पंजाब ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी के मौजूदा स्टेटस में किसी भी तरह के बदलाव की गुंजाइश को खारिज कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस सिलसिले में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखते हुए कहा कि उनकी सरकार आपसी विचार-विमर्श के जरिए यूनिवर्सिटी के लिए ग्रांट इन ऐड में विस्तार के लिए तैयार है। 

दोबारा बाल उगाने का 1 नेचुरल तरीका
बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी पिछले दिनों केंद्र को पत्र भेजकर यूनिवर्सिटी को ग्रांट देने की पेशकश भी की थी बल्कि हरियाणा के कुछ कॉलेजों की यूनिवर्सिटी के तहत संबद्धता की बात कही थी। इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में चल रही कार्यवाही का हरियाणा सरकार फायदा नहीं उठा सकती। उन्होंने लिखा है कि वित्तीय स्रोतों की अस्थाई समस्या और संवैधानिक दावेदारों का संकल्प हरियाणा सरकार को पहलेवाली स्थिति के लिए लौटने की इजाजत नहीं देता। 

गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी में अपने हिस्से की बहाली संबंधी हरियाणा सरकार का प्रस्ताव ऐतिहासिक, तर्कपूर्ण, विवेकशील और सांस्कृतिक तौर पर ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा अपनी इच्छा के अनुसार इतिहास को मोड़ देकर इस पर अपना झूठा हक नहीं जता सकता। सीएम ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन ऐक्ट, 1966 की धारा 72 की उप-धारा के अनुसार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ यूटी प्रशासन की 20:20:20:40 के अनुसार हिस्सेदारी थी और इसके अनुसार रख-रखाव संबंधित अनुदान की कमी का भुगतान किया जाता था। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ने इस हिस्सेदारीवाले प्रबंध में से खुद ही बाहर निकलने का फैसला किया था। हरियाणा ने अपने कॉलेजों की पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ संबद्धता वापस ले ली थी। हरियाणा सरकार का यह फैसला एकतरफा और बिना शर्त था इसलिए 1976 से पंजाब और चंडीगढ़ यूटी प्रशासन क्रमवार 40:60 के अनुसार यूनिवर्सिटी को रख-रखाव संबंधी अनुदान की कमी का भुगतान करते आ रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी ने अपनी शुरुआत से ही लगातार और बिना किसी रुकावट से पंजाब में काम किया है। इसको उस समय की पंजाब की राजधानी लाहौर से पहले होशियारपुर और बाद में पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में तब्दील किया गया। इसके साथ पंजाब के 175 कॉलेज जुड़े हुए हैं, जो फाजिल्का फिरोजपुर, होशियारपुर, लुधियाना, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब और एसबीएस नगर में हैं। इन कॉलेजों के यह सभी क्षेत्र पंजाब में पड़ते हैं और पंजाब यूनिवर्सिटी का क्षेत्र चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश में भी पड़ता है। 

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