आयुष डाक्टरों की भर्ती पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने लगाई रोक

Edited By Deepak Paul, Updated: 23 Aug, 2018 10:44 AM

punjab and haryana high court stops imposing recruitment of ayush doctors

कैथल के सिविल सर्जन द्वारा नैशनल हैल्थ मिशन के तहत की जाने वाली आयुष डाक्टरों की भर्ती पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्टे कर दिया है।  उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शैङ्क्षलद्र सिंह गिल व अधिवक्ता हरदीप सिंह कसान ने बताया कि हाल ही में जुलाई माह...

गुहला-चीका (गोयल): कैथल के सिविल सर्जन द्वारा नैशनल हैल्थ मिशन के तहत की जाने वाली आयुष डाक्टरों की भर्ती पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्टे कर दिया है।  उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शैलिंद्र सिंह गिल व अधिवक्ता हरदीप सिंह कसान ने बताया कि हाल ही में जुलाई माह में विभिन्न पदों पर सी.एम.ओ. कैथल द्वारा भॢतयां की गई थीं जिसमें 24 नर्स, 4 लेखाकार, 3 आयुष डाक्टर (पुरुष) व 2 आयूष डाक्टर महिला का साक्षात्कार किया गया था और किसी भी पुरुष आयुष डाक्टर की नियुक्तियां न करने, स्थानीय उम्मीदवारों को नजर अंदाज कर दूसरे जिलों के उम्मीदवारों की नियुक्ति करना के कारण चीका निवासी विक्रांत शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई थी। ऊपर से सी.एम.ओ. ने शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुरुष डाक्टरों की दोबारा भॢतयों का विज्ञापन जारी कर 21 अगस्त को लिखित परीक्षा व साक्षात्कार रख दिया था, जिसको विक्रांत शर्मा ने उच्च न्यायालय में रिट डालकर न्याय की गुहार लगाई थी। 

उच्च न्यायालय ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए आयुष डाक्टरों की लिखित परीक्षा व साक्षात्कार पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाते हुए विभाग की मिशन निदेशक, जिला उपायुक्त कम चेयरमैन एन.एच.एम., सिविल सर्जन कम मैम्बर सैक्रेटरी, जिला हैल्थ व परिवार कल्याण समिति कैथल और विभाग के जिला प्रोग्राम मैनेजर को नोटिस जारी कर 14 दिसम्बर को अगली सुनवाई में जवाब दावा पेश करने के आदेश जारी किए हैं। डा. विक्रांत शर्मा ने कहा कि उन्हें न्याय के लिए इस लड़ाई को शुरू किया है क्योंकि सी.एम.ओ. कैथल सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए उनके साथ अन्याय कर रहे थे। 

जिसकी गुहार उन्होंने मुख्यमंत्री सहित विभाग के अन्य उच्च अधिकारियों को भी की थी परंतु उनकी इस शिकायत पर कोई संतोषजनक जवाब न आने के कारण और सिविल सर्जन द्वारा दोबारा भॢतयों का विज्ञापन जारी करने के विरोध में उन्होंने इसे माननीय उच्च न्यायालय में रिट दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी जिसे मंजूर करते हुए उच्च न्यायालय ने स्टे देकर भॢतयों पर रोक लगा दी है। सिविल सर्जन सुरेंन्द्र नैन ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के तहत 21 अगस्त को ली जाने वाली आयुष डाक्टरों की भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा डाक्टरों की कि जाने वाली भर्ती कानून के दायरे में ही रह कर की जा रही थी। 

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