Edited By Shivam, Updated: 10 Jul, 2018 09:43 PM
हरियाणा रोडवेज द्वारा 700 प्राईवेट बसों को परमिट देकर सड़कों पर उतारे जाने की चर्चा रोडवेज कर्मियों के गले की फांस बनती नजर आ रही है। इतनी बड़ी संख्या में प्राईवेट बसों के आने को हरियाणा प्रदेश के रोडवेज कर्मचारी विभाग के निजीकरण के रूप में देख रहे...
भिवानी(अशोक भारद्वाज): हरियाणा रोडवेज द्वारा 700 प्राईवेट बसों को परमिट देकर सड़कों पर उतारे जाने की चर्चा रोडवेज कर्मियों के गले की फांस बनती नजर आ रही है। इतनी बड़ी संख्या में प्राईवेट बसों के आने को हरियाणा प्रदेश के रोडवेज कर्मचारी विभाग के निजीकरण के रूप में देख रहे हैं। इसी मुददे को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने भिवानी बस स्टैंड पर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए 15 जुलाई को करनाल में मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करने की रणनीति बनाई है।
रोडवेज कर्मचारी नेता राजकुमार दलाल व ज्ञानेंद्र घणघस ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के तहत छात्राओं, बुजुर्गो, बीमारों व अन्य 42 प्रकार की रियायती दरों पर रोड़वेज जो सेवाएं देता है, प्राईवेट बसें ऐसा नहीं करेंगे। इससे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली ध्वस्त होगी। प्रदेश भर से डेढ़ लाख लोगों के हस्ताक्षर रोडवेज कर्मचारियों ने आम जनता से लिए हैं, जिसमें आम जनता ने रोडवेज की वर्तमान प्रणाली को बनाए रखने की बात कही है। इसका ज्ञापन भी 15 जुलाई को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार वायदाखिलाफी करके रोडवेज के निजीकरण पर तुली है, जिसका रोडवेज कर्मचारी डटकर विरोध कर रहे हैं। निजीकरण के अलावा पुरानी पेंशन स्कीम, प्राईवेट बसों को वापिस लेने, रोडवेज में स्थाई भर्ती करने आदि की मांगों को लेकर प्रदेश भर के रोडवेज कर्मचारी 15 जुलाई को मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करने के लिए करनाल में लामबंद होंगे। यदि उनकी मांगें मुख्यमंत्री नहीं मानते है तो करनाल से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी।