Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Mar, 2018 11:08 AM
राष्ट्रीय पोषण मिशन के पहले चरण में हरियाणा के नूंह और पानीपत में कुपोषण को सुनियोजित तरीके से खत्म करने की सरकार ने तैयारी कर ली है। नवजात, किशोरी, गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में कम वजन, एनीमिया, बौनापन सहित आधा दर्जन ङ्क्षबदुओं की...
चंडीगढ़(धरणी): राष्ट्रीय पोषण मिशन के पहले चरण में हरियाणा के नूंह और पानीपत में कुपोषण को सुनियोजित तरीके से खत्म करने की सरकार ने तैयारी कर ली है। नवजात, किशोरी, गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में कम वजन, एनीमिया, बौनापन सहित आधा दर्जन बिंदुओं की लगातार निगरानी के लिए इन दोनों जिलों में आंगनबाड़ी वर्कर तथा सुपरवाइजर को अत्याधुनिक गैजेट्स से लैस किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के माध्यम से खरीद करने के निर्देश दिए गए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने बताया कि अल्प पोषण से निपटने के लिए सरकार मिशन मोड में आ चुकी है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण मिशन के पहले चरण में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर देश के 315 जिलों का चयन किया गया है जिनमें हरियाणा के नूंह और पानीपत जिले को भी स्थान मिला है। मंत्री कविता जैन ने बताया कि केंद्र-प्रदेश सरकार के 60:40 अनुपात की इस योजना में इन दोनों जिलों में 4.41 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर अत्याधुनिक गैजेट्स खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
इसमें दोनों जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर इंफैटोमीटर, स्टेडियामीटर, वेट मशीन, आंगनबाड़ी वर्करों को स्मार्ट फोन तथा सुपरवाइजर को टैबलेट मुहैया करवाए जाएंगे। इसमें विभाग की विशेष एप्लीकेशन के माध्यम से नियमित तौर पर नवजात, नौनिहाल, किशोरी, गर्भवती एवं स्तनपान करवाने वाली महिलाओं की निगरानी की जाएगी। नियमित आधार पर जुटाए गए आंकड़ों से बौनापन, अल्प पोषाहार, रक्त की कमी, जन्म के समय रक्त की कमी के मामलों पर नजर बनाते हुए इन परेशानियों का निदान करना सुनिश्चित किया जाएगा।
यह लक्ष्य किए निर्धारित
0-6 वर्ष आयु वर्ग में बौनापन की दर में 2 प्रतिशत वार्षिक कमी लाना।
0-6 वर्ष आयु वर्ग में कम वजन की दर में 2 प्रतिशत वार्षिक कमी लाना।
6 माह से 59 माह के बच्चों में रक्त की कमी (एनीमिया) मामलों में सालाना 3 प्रतिशत दर में कमी लाना।
महिलाओं एवं किशोरियों में रक्त की कमी (एनीमिया) की दर में सालाना 3 प्रतिशत की कमी लाना।
जन्म के समय वजन में कमी की दर में सालाना 2 प्रतिशत कमी लाना।