घरेलू हिंसा, दहेज से जुड़ी और नौकरी के नाम पर हरासमेंट की शिकायतों में बढ़ोतरी हुई: प्रीति

Edited By vinod kumar, Updated: 14 Sep, 2021 02:18 PM

preeti said increase in complaints related to domestic violence dowry

बदलते समय के अनुसार महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही अपराध की घटनाओं को लेकर हरियाणा मानवाधिकार आयोग कितना गंभीर है ? किस-किस प्रकार से कमीशन महिलाओं को कानूनी कवच प्रदान करता है ? हरियाणा मानवाधिकार आयोग को किस प्रकार की शक्तियां प्राप्त हैं ? हरियाणा...

चंडीगढ़ (धरणी): बदलते समय के अनुसार महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही अपराध की घटनाओं को लेकर हरियाणा मानवाधिकार आयोग कितना गंभीर है ? किस-किस प्रकार से कमीशन महिलाओं को कानूनी कवच प्रदान करता है ? हरियाणा मानवाधिकार आयोग को किस प्रकार की शक्तियां प्राप्त हैं ? हरियाणा मानवाधिकार आयोग राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और दिल्ली मानवाधिकार आयोग में आखिर क्या फर्क है ? वादी- प्रतिवादी आयोग तक शिकायत कैसे पहुंचाए ? बोगस शिकायतों की पहचान का पैमाना और पहचान के बाद उस पर किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है ? इस प्रकार के बहुत से सवालों को लेकर पंजाब केसरी ने हरियाणा मानवाधिकार आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज दलाल से बातचीत की। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-  

प्रश्न:- आयोग द्वारा 25 तारीख को नेशनल वेबीनार के आयोजन का परिदृश्य क्या रहने वाला है ?
उत्तर:- एक एनजीओ के साथ मिलकर हम नेशनल लेवल पर दो वेबीनार करेंगे। जो एक मॉर्निंग और एक इवनिंग सेशन में किया जाएगा। जिसमें हम सुप्रीमकोर्ट, हाईकोर्ट के जस्टिस, लीगल स्टेट सर्विसिज अथॉरिटी के साथ ही हरियाणा-पंजाब-दिल्ली के कंसल्ट पुलिस अधिकारी जिन्होंने एनआरआई इश्यू पर बहुत अच्छा काम किया है, उन सभी को इनमें आमंत्रित करने की हमारी योजना है।

प्रश्न:- घरेलू हिंसा को लेकर महिला आयोग की क्या गतिविधियां रहती हैं ?
उत्तर:- डोमेस्टिक वायलेंस के केस काफी अधिक मात्रा में आते हैं और हरियाणा महिला आयोग इस पर बहुत अच्छा काम करता है। जब महिलाएं-पुरुष के अधिक समय तक घर पर रहने से गृह क्लेश सबसे बड़ा इश्यू होता है जो अक्सर सामने आता है जैसे पिछले लॉकडाउन में परिवार इकट्ठे घर पर रहे तो महिलाओं को डोमेस्टिक वायलेंस का अधिक सामना करना पड़ा। क्योंकि उस वक्त महिलाएं कहीं पर नहीं जा पा रही थी तो ऐसे में इस प्रकार के केसों में ज्यादा बढ़ोतरी हुई। हमने डोमेस्टिक वायलेंस के लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया हुआ है। क्योंकि उस दौरान महिलाएं कहीं बाहर जाकर मेल इत्यादि नहीं करवा सकती थी। लेकिन एंड्राइड फोन लगभग सभी के पास है। महिला हमें व्हाट्सएप करके इसकी शिकायत कर सकती है। यह नंबर अभी तक भी चालू है। हम इस नंबर पर अगले सप्ताह कॉलिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाने जा रहे हैं।

प्रश्न:- जनता की जानकारी के लिए कृपया यह नंबर बताएं ?
उत्तर:- हमारा व्हाट्सएप नंबर 95600-80115 पर 24 घंटे अपनी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। हाल ही में यह कॉलिंग नंबर नहीं है। केवल व्हाट्सएप की ही सुविधा इस पर चालू है। क्योंकि कॉलिंग की सुविधा देने पर यह हर समय बजता रहेगा। लेकिन अगले हफ्ते हम इसे भी कॉलिंग नंबर शुरू कर देंगे।

प्रश्न:- हरियाणा महिला आयोग- राष्ट्रीय महिला आयोग इत्यादि को लेकर अधिकतर आम लोग शंका में रहते हैं। इसे कलियर करें ?
उत्तर:- यह केवल जागरूकता की कमी है। हरियाणा महिला आयोग के साथ-साथ दिल्ली में भी दो महिला आयोग हैं। जो कि एक राष्ट्रीय महिला आयोग और दूसरा दिल्ली महिला आयोग है। लोग राष्ट्रीय महिला आयोग पर कंप्लेंट करें। दिल्ली निवासी दिल्ली महिला आयोग को शिकायत करें। हरियाणा की बहने राष्ट्रीय महिला आयोग में भी शिकायत करना चाहती हैं तो वह वेबसाइट एनसीडब्ल्यू डॉट एनआईसी डॉट इन पर कंप्लेंट करें। कई बार कुछ लोग सभी जगह शिकायत भेज देते हैं। जिससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित होती है। क्योंकि एक ही शिकायत को 3 महिला आयोग हैंडल कर रहा है। इससे तीनों का समय लगता है और यह संशय रहता है कि कहां पर न्याय मिल पाएगा ? अगर आप जल्दी न्याय चाहते हैं तो आपको अपने इंस्टीट्यूट में विश्वास रखना होगा। 

एक और महत्वपूर्ण बात जो कई लोग सीसी करके सीएम विंडो, डब्लूसिटी, मानवाधिकार आयोग, सीएसटी आयोग, महिला आयोग, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को भी अपनी शिकायत लिख देते हैं। इससे आपकी शिकायत की वैधता बहुत कम हो जाती है। कौन सी अथॉरिटी इस पर काम करेगी यह भी एक विषय बन जाता है। हमारे पास भी बहुत सी सीसी कंप्लेंट आती हैं। लेकिन हम सभी को यही बोलते हैं कि यदि आयोग से कार्यवाही करवाना चाहते हो तो सीसी की जगह टू लिखें।

प्रश्न:- इस साल अब तक कुल कितने केस हरियाणा महिला आयोग के पास आ चुके हैं ?
उत्तर:- क्योंकि अप्रैल से महीना शुरू होता है तो पिछले साढे 3 महीने में करीब 1150 से ज्यादा शिकायतें हमारे पास आ चुकी हैं और इनमें से 67 फीसदी का हम पूर्ण रूप से निपटान कर चुके हैं। फिर भी यदि कोई वादी-प्रतिवादी असंतुष्ट है तो वह आयोग में संपर्क कर सकता है। 

प्रश्न:- आपका 3-4 साल का लेखा-जोखा कब और किस रूप में आना है ? 
उत्तर:- इस पर आयोग बहुत गहनता से काम कर रहा है। हमारे द्वारा किए गए कामों का पब्लिश होना बहुत जरूरी है। हमारे रिपोर्ट्स किन्ही कारणों से नहीं छप पाई। हम पिछले तीन-चार सालों में आयोग द्वारा किए गए कामों को एक एनुअल रिपोर्ट के रूप में जल्दी ही साझा करेंगे।

प्रश्न:- आयोग में ज्यादातर शिकायतें किस तरह की और किस विभाग के खिलाफ आती हैं ?
उत्तर:- घरेलू हिंसा, दहेज से जुड़ी, सेक्सुअल एसॉल्ट, नौकरी के नाम पर हरासमेंट इत्यादि की शिकायतों में बढ़ोतरी हुई है। क्योंकि पहले अगर दोनों पक्ष पुलिस में जाते हैं तो एक पक्ष को तो पुलिस से नाराज होना आम बात है। तो ज्यादातर शिकायतों में पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ नाराजगी होती है। कमीशन के पास सबसे अधिक शिकायतें पुलिस विभाग के खिलाफ आती हैं। यह शिकायतें स्टेट पुलिस अगेंस्ट अथॉरिटी के पास जानी चाहिए। अथॉरिटी का अभी प्रॉपर एक कोरम बना है। जिसमें चेयर पर्सन नवराज सिंधु और 2 सदस्य बनाए गए हैं। यह अथॉरिटी इसी मकसद से बनाई गई है। आयोग के पास आने वाली पुलिस के खिलाफ शिकायतों को अथॉरिटी के पास भेजा जाएगा।

प्रश्न:- लॉ या मास कम्युनिकेशन करने वाले बच्चों के लिए क्या आयोग द्वारा इंटर्नशिप इत्यादि की भी कोई व्यवस्था है ?
उत्तर:- पिछले तीन-चार माह में रिकॉर्ड इंटर्नशिप आयोग में रही हैं। बहुत से बच्चों ने इंटर्नशिप की है। बच्चों ने बिना यहां उपस्थित हुए हमारे द्वारा सौपे पर गए काम को बेहतरी से करके भेजा। बहुत गंभीरता से उन्होंने अपनी इंटर्नशिप पूरी की है। इसके साथ-साथ उन्होंने अपनी रोजमर्रा की डायरी भी बनाई है। जो कि उनकी काम के प्रति गंभीरता को दर्शाती है। राष्ट्रीय महिला आयोग की तर्ज पर हमने एक प्रपोजल बनाकर भेजी जो कि अप्रूव हो गई है। जिसमें जो भी छात्र आयोग में कम से कम 2 माह तक इंटर्नशिप करेगा उसे 10000 रुपये भी दिए जाएंगे। 

प्रश्न:- क्या आरटीआई की व्यवस्था भी आयोग में है, अगर है तो कितनी आरटीआई आयोग के पास आती हैं ?  
उत्तर:- एक कंप्लेंट हैंडलिंग अथॉरिटी होने के कारण हमारे पास आरटीआई आती रहती हैं। अब इसमें कुछ बढ़ोतरी भी हुई है। हमारी मेंटेन सेपरेट आरटीआई सेल बनाने की आगामी योजना है। जिसके लिए हम चीफ इंफॉर्मेशन कमिश्नर से भी मिले हैं। क्योंकि मुझे स्पेशल महिलाओं के बारे कानूनों का पूर्ण ज्ञान है और आरटीआई एक्ट कहने में बहुत छोटा सा लगता है। क्योंकि इसके लिए कंप्लीट लॉ और बहुत से डिसीजन भी ध्यान में रखने होते हैं। इसलिए हमारा ज्ञान वर्धन होना बहुत जरूरी है। सेल के माध्यम से बहुत अच्छे से काम करने की हम योजना बना रहे हैं। 

प्रश्न:- क्या महिला आयोग पूर्ण रूप से हाईटेक हो चुका है ?
उत्तर:- हम लोग जरूरत के अनुसार सभी रिसोर्सेज का इस्तेमाल करते हैं। हमारे पास दूसरे विभागों की तरह बहुत अधिक रिसोर्सेज उपलब्ध नहीं है। लेकिन हमारी सारी हीरिंग फिजिकली होना जरूरी नहीं। हम पिछले डेढ़ साल से कोरोना काल के समय से अपनी पूरी हीरिंग ऑनलाइन चला रहे हैं। अपने लिमिटेड रिसोर्सेज के माध्यम से हमने अपना सिस्टम जरूरत के हिसाब से हाईटेक बनाया हुआ है।

प्रश्न:- बोगस शिकायतों पर आयोग वर्किंग कैसे करता है ? 
उत्तर:- केवल आयोग ही नहीं, सभी निजी व सरकारी विभागों में इस प्रकार की शिकायतें आती रहती हैं। 3-4 महीने पहले हमारे चीफ सेक्रेटरी ने एक नोटिफिकेशन निकाली थी। स्पेशली जिस पर कोई नाम नहीं है या बार-बार एक ही इश्यू पर एक ही अधिकारी के खिलाफ एक ही मैटर पर बहुत सी शिकायतें अलग-अलग लोगों से करते हैं या करवाते हैं तो उस पर कार्यवाही नहीं की जाएगी। हमारी वेबसाइट पर शिकायतकर्ता का पूरा नाम-पता होना चाहिए। ऑनलाइन कंप्लेंट में शिकायतकर्ता दूसरी पार्टी और थर्ड पार्टी भी शिकायत कर सकती है। लेकिन उसका पूरा अता-पता और पूरी डिटेल होनी चाहिए।

प्रश्न:- शिकायतों के निपटान की औसत कितनी है ?
उत्तर:- इस हफ्ते में हमने 60 हियरिंग लगाई हुई हैं। पूरे हफ्ते रोजाना 10-10, 15-15 हियरिंग चलेंगी। हमारे पास पुलिस से भी एक्शन टेकन रिपोर्ट आती है। इसकी इंक्वायरी कमेटी मिठाई हुई है। उनकी भी शिकायतें आती हैं। विभागों से भी हमारे पास रिपोर्ट आती है। अप्रैल से अब तक औसतन 1150 से ज्यादा शिकायत आई है और लगभग 67 फीसदी का पूर्ण रूप से निपटान हो चुका है।

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