Edited By Shivam, Updated: 21 Mar, 2020 04:34 PM
हिसार के खेदड़ में लगे प्लांट में पोटेंशियल ट्रांसफार्मर में ब्लास्ट होने के बाद वह ठीक नहीं हो पाया। उसमें लगने वाले पाट्र्स शंघाई चाइना से ही मंगवाए जाते हैं, जो कोरोना वायरस की वजह से नहीं आ सके हैं। इसलिए वहां की 600 मेगावाट की यूनिट नंबर-1...
हिसार: हिसार के खेदड़ में लगे प्लांट में पोटेंशियल ट्रांसफार्मर में ब्लास्ट होने के बाद वह ठीक नहीं हो पाया। उसमें लगने वाले पार्ट्स शंघाई चाइना से ही मंगवाए जाते हैं, जो कोरोना वायरस की वजह से नहीं आ सके हैं। इसलिए वहां की 600 मेगावाट की यूनिट नंबर-1 दिसंबर, 2019 से बंद है। ऐसे में राज्य सरकार ने पिछले लंबे समय से बंद किसी प्लांट को दोबारा चलाना पड़ेगा। वर्ना प्रदेश में इस बार गर्मी में बिजली संकट से भी जूझना पड़ सकता है।
पानीपत की चार यूनिट बंद हैं। इनमें 210 मेगावाट की यूनिट नंबर-5 को पिछले साल जनवरी में स्थाई रूप से ही बंद किया जा चुका है। जबकि 2010 मेगावाट की यूनिट नंबर-6 भी पिछले साल जनवरी से बंद है। 250-250 मेगावाट यूनिट नंबर 7 और 8 में पिछले एक माह से उत्पादन ठप है। जबकि हिसार के खेदड़ की 600 मेगावाट की यूनिट नंबर-2 भी सरकार ने पिछले माह ही बंद की है।
यमुनानगर के हाइडल यूनिट की क्षमता तो 62.4 मेगावाट है लेकिन वह भी बंद है। इसलिए प्रदेश को या तो प्राइवेट कंपनियों से बिजली मिल रही है या फिर केंद्रीय प्लांट से बिजली सप्लाई हो रही है। इधर, हरियाणा पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निदेशक मोहम्मद शाइन का कहना है कि खदेड़ की यूनिट का एनुअल मेंटीनेंस चल रहा है। चाइना से उसका पार्ट नहीं आ सका है। बता दें कि गुरुवार शाम सात बजे प्रदेश में डिमांड से 78 मेगावाट बिजली कम सप्लाई हो रही थी।