सामान्य अस्पताल में चिकित्सक व सर्जन के पद खाली, मरीजाें काे किया जा रहा रेफर

Edited By vinod kumar, Updated: 14 Dec, 2019 11:56 AM

posts of doctors and surgeons in general hospital are vacant

महेंद्रगढ़ सामान्य अस्पताल में चिकित्सक व सर्जनों की कमी के कारण आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को हायर सैंटर के लिए रैफर कर दिया जाता है। कड़ाके की ठंड में जहां दिन रात मरीजों का आवागमन रहता है वहीं...

महेंद्रगढ़(मोहन/परमजीत): महेंद्रगढ़ सामान्य अस्पताल में चिकित्सक व सर्जनों की कमी के कारण आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को हायर सैंटर के लिए रैफर कर दिया जाता है। कड़ाके की ठंड में जहां दिन रात मरीजों का आवागमन रहता है वहीं दुर्घटना घट जाने पर या गंभीर बीमारी से ग्रस्त आने वाले मरीजों को केवल रैफर कर मोहर लगाकर पीछा छुड़वा लेते हैं। इस अस्पताल में सर्जन के न होने से बनाई गई आपातकालीन सेवाओं में केवल माइनर आप्रेशन की सुविधाएं भी नहीं हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस अस्पताल में 11 चिकित्सकों की पोस्ट हैं जिसमें से 3 पोस्ट खाली पड़ी हैं। एक चिकित्सक काफी समय से डैपोटेशन पर चल रहा है। वहीं, एक चिकित्सक अवकाश पर चल रहा है। बचे 6 चिकित्सकों में से 3 चिकित्सकों की आपातकालीन ड्यूटी लगी हुई है। ऐसी हालातों में अस्पताल का कार्य चलना बड़ा मुश्किल है। इस अस्पताल में आपातकालीन स्थिति होने के बाद भी सर्जन के अभाव में परिवार नियोजन कैम्प का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। मरीजों को सर्जन के अभाव में निजी अस्पताल में धक्के खाने पड़ रहे हैं। कोई दुर्घटना घटने पर केवल मरहम-पट्टी कर उन्हें हायर सैंटर रैफर कर दिया जाता है।

 इस संदर्भ में जब अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक से बात की गई तो उन्हें बताया कि चिकित्सकों की कमी के लिए ऊपर लिखा हुआ है। इस अस्पताल में सर्जन, आर्थोपेटिक्स, चाइल्ड स्पैशलिस्ट, एम.डी., गाइनोलॉजिस्ट जैसे डाक्टर की अति आवश्यकता है, क्योंकि सैंकड़ों गांवों के मरीजों की सुविधा के लिए केवल यही एक अस्पताल है। इसके अलावा इस अस्पताल में ई.सी.जी., सी.टी. स्कैन, ब्लड बैक, फिजियोथैरेपी, किमोथैरेपी के अलावा अन्य सुविधाओं को भी अभाव है।

महेंद्रगढ़ की जनता ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से इस अस्पताल की दुर्दशा से अवगत करवाते हुए कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने इस अस्पताल में अपने शासनकाल के दौरान 12 वैंटीलेटर लगाने की घोषणा की थी लेकिन यह घोषणा केवल घोषणा बनकर रह गई। गत 2 वर्ष पहले डी.एस.पी. सुमेर सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत होने पर बाबा रामदेव उनके निवास स्थान पर आए थे। उनके परिजनों ने कहा था कि अगर इस अस्पताल में व्यवस्था ठीक होती तो उन्हें बचाया जा सकता था।

रामदेव ने घोषणा की थी कि इस अस्पताल में ट्रामा सैंटर खोला जाएगा। एक बड़ी एम्बुलैंस लोगों की सेवा के लिए भेजी जाएगी लेकिन यह घोषणा भी केवल घोषणा बनकर रह गई। अब स्थानीय विधायक राव दानसिंह से लोगों की मांग है कि शहर के अस्पताल की दुर्दशा को लेकर विधानसभा में मांग रखकर खाली पदों को भरवाया जाए, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना न करना पड़े।

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