Edited By vinod kumar, Updated: 11 May, 2021 04:12 PM
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जूनियर लेक्चरर असिस्टेंट के पदों पर लिखित परीक्षा, दस्तावेजों की वेरीफिकेशन, इंटरव्यू और सिलेक्शन होने के बाद पदों को वापस लेने के फैसले को चुनौती दी गई है। हाइकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि बिना कोई...
चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जूनियर लेक्चरर असिस्टेंट के पदों पर लिखित परीक्षा, दस्तावेजों की वेरीफिकेशन, इंटरव्यू और सिलेक्शन होने के बाद पदों को वापस लेने के फैसले को चुनौती दी गई है। हाइकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि बिना कोई नोटिस दिए भर्ती संबंधी विज्ञापन को वापस ले लिया गया। इस याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद सोमवार को जस्टिस हरनरेश सिंह गिल ने हरियाणा सरकार और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट में सोनीपत निवासी रोशन लाल की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया कि 19 दिसंबर 2017 को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने जूनियर लेक्चरर असिस्टेंट के 61 पदों के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे थे। याची ने इन पदों के लिए आवेदन दिया था। 23 सितंबर 2018 को इन पदों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया। 28 नवंबर 2018 को उम्मीदवारों के दस्तावेजों की वेरिफिकेशन की गई।
इसके बाद 2 अगस्त 2019 को रिजल्ट जारी कर दिया और याची का सिलेक्शन कर लिया गया। इसके बाद 26 फरवरी 2021 को नोटिस जारी कर सभी पदों पर आवेदन मांगने संबंधी विज्ञापन को वापस ले लिया। याचिका में कहा कि अचानक बिना नोटिस व ठोस कारण दिए सिलेक्शन प्रोसेस को अनदेखा कर पदों को वापस ले लिया गया। याची ने कहा कि उसकी आयु 42 वर्ष से अधिक हो गई है। अब सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा।
उन्होंने याचिका में मांग की गई कि पदों को वापस लेने संबंधी 26 फरवरी 2021 के नोटिस को खारिज किया जाए और याचिका के विचाराधीन रहते इस पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने इस पर सरकार व कर्मचारी चयन आयोग से जवाब-तलब किया है।