Edited By vinod kumar, Updated: 20 Apr, 2020 02:04 PM
हरियाणा के पलवल में ड्यूटी पर आते समय कोरोना योद्धाओं की पुलिस द्वारा मारपीट करने का मामला सामने़ आया है। इतना ही नहीं कोरोना योद्धा अपना आई कार्ड व एंट्री पास दिखाते रह गए, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी और जमकर उनकी धुनाई कर डाली।
पलवल(दिनेश): हरियाणा के पलवल में ड्यूटी पर आते समय कोरोना योद्धाओं की पुलिस द्वारा मारपीट करने का मामला सामने़ आया है। इतना ही नहीं कोरोना योद्धा अपना आई कार्ड व एंट्री पास दिखाते रह गए, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी और जमकर उनकी धुनाई कर डाली।
जिसके चलते स्वास्थ्य कर्मचारियों में पुलिस प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है। उन्होंने पुलिस कर्मियों के खिलाफ शहर थाना में लिखित शिकायत दी है। इसी के साथ ही सर्व कर्मचारी संघ ने भी पुलिस की इस कार्यशैली व अभ्रदता की घोर निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुलिस के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है। यहां तक कि पुलिस ने सिविल अस्पताल के सामने ही स्वास्थ्य कर्मचारी की जमकर पिटाई भी की।
जिला सिविल अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारी दीपक व राजेश ने बताया कि वह अपनी ड्यूटी पर अपनी बाइक व गाड़ी से सिविल अस्पताल रहे थे। बाइक व गाड़ी पर इमरजेंसी ड्यूटी का एंट्री पास भी चिपका रखा था। जैसे ही वह सिविल अस्पताल के गेट पर पहुंचे तो वहां खड़े पुलिस कर्मचारी ने उसकी बाइक व गाड़ी को रोक लिया और अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया।
पीड़ितों ने जब अपना आई कार्ड, गाड़ी व बाइक पर लगा एंट्री पास दिखाया तो पुलिस कर्मचारियों ने उन पर जमकर डंडे बरसाने शुरू कर दिए और एंट्री पास तक को फाड़ दिया। पीड़ित कर्मचारियों ने अपनी एम एल आर कटवा कर पुलिस कर्मचारी के खिलाफ अपनी शिकायत शहर थाने में दे दी है।
वहीं सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान दिवाकर का कहना है कि पुलिस की इस प्रकार कार्यशैली व अभ्रदता की घोर निंदा की जाती है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दिन-रात एक करके इस भयानक महामारी में अपनी सेवाएं दे रहें है। पुलिस इस कार्यशैली से सभी कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। यदि इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई तो सभी स्वास्थ्य कर्मचारी, तालमेल कमेटी सडक़ पर उतरकर अपना रोष व्याप्त करेगी।
उधर, इस संबंध में शहर थाना प्रभारी राजेश कुमार ने सभी आरोपों नकारते हुए कहा कि इस प्रकार की कोई घटना नहीं हुई है। कर्मचारियों को रोकने की बात है तो उनको केवल इसलिए रोका गया था कि उच्चाधिकारी वहां से गुजर रहे थे और सारे ट्रैफिक को रोका हुआ था। एंट्री पास फाड़ने वाली बात को उन्होंने नकार दिया और कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। फिर भी मामले की जांच की जाएगी।