पीएनडीटी विभाग में कुंडली मारकर बैठे डॉक्टर उड़ा रहे कानून की धज्जियां

Edited By Shivam, Updated: 04 Dec, 2018 09:18 PM

pndt department docters corruption

''जब संईयां भए कोतवाल तो डर काहे का'', ये कहावत इन दिनों सिविल अस्पताल पानीपत में कार्यरत कुछ डॉक्टरों पर पूरी तरह से फिट बैठ रही है। आरोप है कि लम्बे समय से ये अधिकारी एक ही पोस्ट पर चिपके हुए हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा...

चंडीगढ़ (धरणी): 'जब संईयां भए कोतवाल तो डर काहे का', ये कहावत इन दिनों सिविल अस्पताल पानीपत में कार्यरत कुछ डॉक्टरों पर पूरी तरह से फिट बैठ रही है। आरोप है कि लम्बे समय से ये अधिकारी एक ही पोस्ट पर चिपके हुए हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा करीब 7 माह पहले स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को पत्र जारी करके आदेश दिए गए थे कि जनहित में यह जरूरी है कि राज्य के सभी सिविल सर्जनों के कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों को प्रत्येक दो साल के बाद स्थानांतरित किया जाए। लेकिन यहां स्थिति ये है कि आकाओं के आर्शीवाद के चलते सिविल सर्जन पानीपत के कार्यालय में कार्यरत कुछ अधिकारी पिछले 10-12 सालों से अपनी कुर्सी से चिपके हुए हैं।

इस संबंध में शिवसेना हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष हरकेश शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.आर. जोवेल ने 31 मई, 2018 को पत्र क्रमांक पीएस/एसीएसएच/2018/17414 के तहत जारी आदेशों में कहा था कि सरकार के संज्ञान में आया है कि पीएनडीटी प्रोग्राम के तहत लगाए गए अधिकारी काफी लम्बे समय से अपने पद पर कार्यरत हैं। इतने महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों का ज्यादा समय तक रहना जनता के हित में नहीं है, इससे सरकार की छवि भी प्रभावित होती है। इसलिए जनहित में ऐसे अधिकारियों को दो साल में एक बार स्थानांतरित किया जाना जरूरी है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को 15 दिनों के भीतर आदेशों पर कार्रवाई करने को कहा था। लेकिन स्थिति ये है कि सिविल सर्जन कार्यालय पानीपत में दो अधिकारी जो पीएनडीटी में कार्यरत है पिछले 10-12 साल से एक ही सीट पर काम कर रहे हैं। शिवसेना प्रदेशाध्यक्ष का आरोप है कि सी.एम. कार्यालय से इन अधिकारियों को सीधा समर्थन है, जिसके चलते कानून की धज्जियां उड़ रही हैं।

हरकेश शर्मा का यह भी आरोप है कि ऊंची पहुंच का लाभ उठाते हुए दोनों डाक्टर ने कानून की उल्लंघना करते हुए रिकार्ड में हेराफेरी तथा धोखाधड़ी करके सरकार को चूना लगाते हुए जाली सर्टिफिकेट जारी किए हैं। इतना ही नहीं कुछ निजी अस्पताल संचालक स्वास्थ्य विभाग के उक्त दोनों अधिकारियों से मिलीभगत कर धड़ल्ले से कन्या भू्रण हत्या जैसे घिनौने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, जिससे पानीपत जिले में लिंगानुपात तेजी से गिर रहा है तथा आने वाले दिनों में स्थिति अधिक भयावह हो सकती है।

PunjabKesari, PC PNDT ACT

यूं चल रहा है फर्जीवाड़ा
शिवसेना नेता ने बताया कि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के नोटिफिकेशन संख्या 1/18/88-2एचबी-1197 दिनांक 07-11-2013 के तहत डिस्ट्रीक एप्रोपरिएट अथारिटी (डीएए)  में जिले के तीन अधिकारियों सिविल सर्जन (चेयरपर्सन), डिस्ट्रीक्ट एटार्नी व डिस्ट्रीक्ट प्रोग्राम आफिसर वूमैन एंड चाइल्ड डिवेल्पमैंट डिपार्टमैंट को अधिकृत किया गया है। जो पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत इस एक्ट बारे कोई निर्णय लेने को सक्षम हैं, अन्य कोई नहीं। आईवीएफ सैंटर व अल्ट्रासाउंड सैंटर चलाने के लिए जो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किए गए जाते हैं उस पर फैसला डीडीए लेती है। डीडीए को प्राप्त आवेदनों पर डिस्ट्रीक्ट एडवाइजरी कमेटी सुझाव देती है, जिसके तहत ये सर्टिफिकेट जारी होते हैं। लेकिन आरोप है कि दो अधिकारियों ने कानून ताक पर रखकर जाली सर्टिफिकेट जारी किए।

लोकायुक्त को शिकायत भेज मांगी जांच
शिवसेना प्रदेशाध्यक्ष से मुद्दा जनहित से जुड़ा होने के चलते चार अस्पतालों को फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने की शिकायत तथ्यों सहित लोकायुक्त चंडीगढ़ को कार्रवाई के लिए भेजी। जिस पर जांच चल रही है। वहीं मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को भी इस संंबंध में पत्र लिखा। जिस पर विभाग द्वारा गत वर्ष 11 नवम्बर को डायरैक्टर स्वास्थ्य विभाग (दंतक) डॉ. प्रवीण सेठी द्वारा पानीपत पहुंचकर दोनों डाक्टरों व शिकायकर्ता को आमने सामने बिठाकर दोनों का पक्ष जाना गया था व उपलब्ध तथ्यों पर भी जांच की गई। जिसमें डॉ. सेठी ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि पीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों को लागू करने में अनियमितता बरती गई।

धड़ल्ले से जारी है भू्रण हत्या, गिर रहा है लिंगानुपात
शिवसेना नेता ने तथ्यों के साथ बताया कि पानीपत जहां से प्रधानमंत्री मोदी ने बेटी बचाओ का संदेश दिया था वहां पर निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य अधिकारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से भू्रण हत्या का खेल जारी है। जिसके चलते पानीपत जिले का बच्चा लिंग अनुपात जो पहले एक हजार से ऊपर पहुंच गया था अब अक्तूबर माह तक 891 पर आकर रुक गया है।

प्रदेश में 22 जिलों में से तीन ही जिले पानीपत से पिछड़े हैं जिनमें रोहतक में 888, फतेहाबाद में 887 तथा झज्जर में 862 हैं। जबकि 18 जिले पानीपत से आगे हैं जिनमें सर्वाधिक यमुनानगर व सिरसा में 938, जीन्द 931, कुरुक्षेत्र 924, कैथल 922, सोनीपत व करनाल 918, पंचकुला 917, फरीदाबाद 916 भिवानी 914, हिसार 910, रिवाडी 905, पलवल 904, अम्बाला 902, गुरुग्र्राम 900 तथा महेन्द्रगढ़ 895 है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!