Edited By Vivek Rai, Updated: 06 Jul, 2022 02:42 PM
छात्राओं और महिलाओं के लिए प्रदेश में 2 साल पहले पिंक बसें खरीदी गई थी। पूरे हरियाणा में इन बसों की संख्या लगभग डेढ़ सौ थी। इसी के तहत 9 बसें फरीदाबाद डिपो में भी भेजी गई थी। मकसद यह था कि इन बसों के माध्यम से महिलाओं को सफर के दौरान सुरक्षा प्रदान...
बल्लभगढ़(अनिल): छात्राओं और महिलाओं के लिए प्रदेश में 2 साल पहले पिंक बसें खरीदी गई थी। पूरे हरियाणा में इन बसों की संख्या लगभग डेढ़ सौ थी। इसी के तहत 9 बसें फरीदाबाद डिपो में भी भेजी गई थी। मकसद यह था कि इन बसों के माध्यम से महिलाओं को सफर के दौरान सुरक्षा प्रदान की जा सके। लेकिन पिंक बसे अब रोडवेज के बस अड्डे में धूल फांक रही हैं।
महिलाओं को सुरक्षित सफर की सुविधा देने की कही गई थी बात
महिलाओं को सुगम सफर मुहैया करवाने की सोच के साथ इन बसों को खरीदा गया था। लेकिन फरीदाबाद डिपो की इन बसों को चलाया ही नहीं गया। बसों की हालत खड़े-खड़े ही जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। इन बसों को अब छापेमारी और अन्य कामों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि दावे किए गए थे कि महिलाओं को इन बसों के जरिए स्पेशल सुविधाएं दी जाएंगी। पिंक बसों का इस्तेमाल महिलाओं को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने का के लिए किया जाना था, लेकिन करनी और कथनी में कितना अंतर है यह साफ देखा जा सकता है।
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