एक साथ अवकाश पर जाएंगे पी.जी.आई. के 133 डाक्टर, जानिए वजह

Edited By Isha, Updated: 01 Dec, 2019 01:55 PM

pgi will go on holiday together 133 doctors know the reason

एक साथ अवकाश पर जाएंगे पी.जी.आई. के 133 डाक्टर के लिए स्वीकृ त प्रदान की गई हैं। सभी विभागों के चिकित्सक 2 चरणों में अवकाश पर रहेंगे। हालांकि, पी.जी.आई. में इलाज के नाम असुविधाएं

रोहतक:  एक साथ अवकाश पर जाएंगे पी.जी.आई. के 133 डाक्टर के लिए स्वीकृ त प्रदान की गई हैं। सभी विभागों के चिकित्सक 2 चरणों में अवकाश पर रहेंगे। हालांकि, पी.जी.आई. में इलाज के नाम असुविधाएं होना कोई नई बात नहीं है लेकिन एक साथ अधिक डाक्टर का छुट्टी पर होने के साथ साथ असुविधाओं के अलावा चिकित्सकों के अभाव में भी परेशान नजर आएंगे। ऐसे हालात 19 जनवरी तक बने रहेंगे, इस दौरान मरीजों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पी.जी.आई. अधिकारियों द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक पहले चरण में चिकित्सक 24 दिसम्बर तक जबकि अगले चरण में 19 जनवरी तक चिकित्सक अवकाश पर रहेंगे। 

पी.जी.आई. के विभिन्न विभागों में कार्यरत कुल 268 चिकित्सकों में से 133 चिकित्सक पहले चरण में जबकि शेष चिकित्सक दूसरे चरण में अवकाश पर रहेंगे। ऐसे में पहले से चिकित्सकों की कमी और अब आधे चिकित्सकों के अवकाश पर जाने की दशा में मरीजों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। 

इन्होंने किया अवकाश के लिए आवेदन
गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डा. प्रवीण मल्होत्रा, यूरोलॉजी से डा. देवेंद्र एस. पवार, डा. हेमंत कमल, डा. वी.एस. राठी, आई.एम.एच. से डा. विनय कुमार, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन से डा. सुखबीर, माइक्रो बायोलॉजी से डा. अंतरिक्ष दीप, बायोकैमिस्ट्री से डा. शिम्मी खरब व काॢडएक सर्जरी से डा. एस.एस. लोहचब ने छुट्टियों के लिए आवेदन नहीं किया है।

ये डाक्टर रहेंगे अवकाश पर
पी.जी.आई. प्रबंधन से मिली जानकारी अनुसार एनॉटमी के 12 में से 6, एनस्थीसियोलॉजी में 39 में से 18, बायोकैमिस्ट्री के 10 में से 6, बायो टैक्नोलॉजी में दो में से एक, बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में दो में से एक, काॢडयोलॉजी में दो में से एक, कम्युनिटी मैडीसन में 10 में से 5, ई.एन.टी. में 5 में से 5, फॉरैंसिक मैडीसन में 6 में से 3, माइक्रोबॉयोलॉजी में 9 में से 4, मैडीसन में 15 में से 8, पल्मोनरी क्रिटिकल केयर में 3 में से 2, न्यूरोलॉजी में 2 में से 1, न्यूरोसर्जरी में 4 में से 1, ऑर्थोपैडिक्स में 16 में से 8, ऑप्थलमोलॉजी में 13 में से 6, गायनी में 25 में से 12, फार्मोकोलॉजी में 8 में से 4, फार्मेसी में 5 में से 3, पैथोलॉजी में 16 में से 7, इंस्टीच्यूट ऑफ मैंटल हैल्थ में 8 में से 4, पीडियाट्रिक में 11 में से 6, न्यूनोटॉलॉजी में 2 में से 1, पीडियाट्रिक सर्जरी में 2 में से 1, रेडियोडायग्नोज में 6 में से 2, ऑनकोलॉजी में 4 में से 3, सर्जरी में 16 में से 7, स्किन में 5 में से 3, टी.बी. एंड रैस्पिरेटरी मैडीसन में 2 में से 1, फिजियोथेरेपी में 8 में से 4 चिकित्सक अवकाश पर रहेंगे। 

दावा : डबल ड्यूटी से करेंगे कमी पूरी
हालात बता रहे हैं कि बड़ी संख्या में पी.जी. चिकित्सक, रैजीडैंट चिकित्सक व सीनियर रैजीडैंट चिकित्सकों से ही मरीजों को उपचार करवाने के लिए विवश होना पड़ेगा। हालांकि, अधिकारी दावा कर रहे हैं कि ड्यूटी पर रहने वाले चिकित्सक डबल ड्यूटी करते हुए उक्त चिकित्सकों की कमी को दूर करने का प्रयास करेंगे। जिससे मरीजों को उपचार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

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