Edited By vinod kumar, Updated: 26 Jun, 2020 04:47 PM
रोहतक पीजीआई में इमरजेंसी के सीएमओ को 6 माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। ये कार्रवाई हरियाणा की पहली महिला सांसद एवं पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल 92 वर्षीय चंद्रावती के पीजीआई में इलाज में आई लापरवाही के बाद की गई है। इस मामले की जांच को लेकर...
रोहतक (दीपक): रोहतक पीजीआई में इमरजेंसी के सीएमओ को 6 माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। ये कार्रवाई हरियाणा की पहली महिला सांसद एवं पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल 92 वर्षीय चंद्रावती के पीजीआई में इलाज में आई लापरवाही के बाद की गई है। इस मामले की जांच को लेकर पीजीआई प्रबंधन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसकी अब जांच पूरी हो गई। इस मामले में पीजीआई प्रसाशन कुछ भी बोलने से बचता नजर आया।
अक्सर विवादों के घेरे में रहे पीजीआई का एक ओर मामला उजागर होने पर प्रसाशन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एमरजेंसी के सीएमओ को सस्पेंड कर दिया है। पूर्व उपराज्यपाल एवं पहली महिला सांसद चंद्रावती के इलाज में कोताही बरतने को लेकर ये कार्यवाही की गई है। पूर्व उपराज्यपाल चन्द्रावती के इलाज के मामले में जांच में सीएमओ को ड्यूटी पर गैरहाजिर पाया गया। इसी को आधार बनाते हुए सीएमओ को छह माह के लिए निलंबित किया गया है।
इलाज में लापरवाही बरतने का मामला मीडिया में आया, जिसके बाद पीजीआई प्रसाशन हरकत में आया और तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनी। जिसने अपनी रिपोर्ट सबमिट करवाई है। बता दें कि 13 जून को पूर्व उपराज्यपाल चंद्रावती को चरखी दादरी स्थित उनके आवास से पीजीआई इलाज के लिए लाया गया। पूर्व उप राज्यपाल के कुहले व पैर की चौट के कारण पीजीआई लेकर आए थे। उन्हें यहां ना तो वीआईपी कमरा मिला और काफी घंटों तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा। जिसके बाद परिजन पूर्व उपराज्यपाल को निजी अस्पताल ले गए।
रिपोर्ट में सीएमओ डा. कुलदीप को उस वक्त ड्यूटी से गैरहाजिर बताते हुए लापरवाही का दोषी पाया गया। इसी आधार पर उनको छह माह तक निलंबित किया गया है। इस मामले में पीजीआई के कई उच्च अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई भी अधिकारी मीडिया के सामने नहीं आया, इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री हुक्म सिंह के इलाज के मामले में भी पीजीआई ने लापरवाही बरती थी।