हरियाणा: 75 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज, सरकार ने कहा- अभी फाइनल नहीं हुआ

Edited By Isha, Updated: 11 Dec, 2020 10:41 AM

petition filed against 75 percent reservation dismissed

हरियाणा सरकार की ओर से निजी क्षेत्र में 75 फीसद आरक्षण की योजना को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हरियाणा सरकार ने कहा कि इस बाबत कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इस पर अभी राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। पंजाब एवं

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से निजी क्षेत्र में 75 फीसद आरक्षण की योजना को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हरियाणा सरकार ने कहा कि इस बाबत कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इस पर अभी राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका प्रीमैच्योर है, इसलिए सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। हाईकोर्ट ने याचिका वापस लेने की छूट देते हुए खारिज किया।

इंडस्ट्रियल वैल्फेयर एसोसिएशन हरियाणा ने प्रदेश सरकार की उस नीति को चुनौती दी है जिसके तहत सरकार ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण तय किया है। इंडस्ट्रियल वैल्फेयर एसोसिएशन पंचकूला की तरफ से संजय राठी ने दायर याचिका में मांग की कि हाईकोर्ट सरकार की नीति को रद्द करे। याचिका में कहा था कि हरियाणा सरकार का फैसला शैक्षणिक योग्यता के साथ अन्याय है। ओपन की जगह आरक्षित क्षेत्र से चयन करना प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। सरकार का फैसला अधिकार क्षेत्र से बाहर का है और सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों की अवहेलना है। 

हाल ही में हरियाणा सरकार ने एक कानून बनाकर राज्य में निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण हरियाणा के रिहायशी प्रमाणपत्र धारकों के लिए जरूरी कर दिया। यह आरक्षण 50 हजार रुपए मासिक तक के वेतन की नौकरियों के लिए है। राज्य में चल रही निजी क्षेत्र की उन कंपनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म पर यह कानून लागू होगा, जिनमें 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं।

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