Edited By Isha, Updated: 27 Nov, 2021 05:33 PM
तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने का फैसला चाहे मोदी सरकार ने कर लिया है, लेकिन किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर सीमाओं पर डटे हुए है। किसानों का हौंसला बढ़ाने के लिए पंजाब के मोगा से 55 साल के बलविंदर सिंह टिकरी बॉर्डर पैदल
रोहतक(दीपक): तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने का फैसला चाहे मोदी सरकार ने कर लिया है, लेकिन किसान अभी भी अपनी मांगों को लेकर सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों का हौंसला बढ़ाने के लिए पंजाब के मोगा से 55 साल के बलविंदर सिंह टिकरी बॉर्डर पैदल रवाना हुए है। उन्होंने एक फड़ी तैयार की है, जिस पर उन्होंने आंदोलन में शहीद हुए किसानों की फोटो लगाई है। उनका कहना है कि वो पैदल इसलिए भी चल रहे है ताकि लोगों को जागरूक कर सके।
मोगा से 350 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर 55 वर्षीय किसान बलविंदर सिंह आज रोहतक पहुंचे। बलविंदर सिंह किराए पर फड़ी लेकर दिल्ली के टिकरी बॉर्डर तक का सफर तय करेंगे। उन्होंने अपनी फड़ी पर किसान आंदोलन में मारे गए किसानों की तस्वीर लगाई है। बलविंदर सिंह का कहना है कि उन्हें ये आईडिया तब आया जब वह किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए जा रहे थे। वह कुछ अलग करना चाहते थे।
उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन में मारे गए 700 लोगों की कोई बात नहीं कर रहा है। उनका विरोध सरकार के प्रति ये है कि जिस भी राज्य के किसान आंदोलन में मारे गए हैं उसी राज्य में उनका स्मारक बने और केंद्र सरकार भी उन्हें सहायता दे। उन्होंने कहा कि जो लोग संपन्न है और जिनके पास साधन है, वह लोग किसान आंदोलन में नहीं गए। मैं पैदल इसलिए भी चल रहा हूं ताकि उन लोगों को सीख मिले कि लोग पैदल जा सकते हैं, तो वह गाड़ियों में क्यों नहीं जा सकते।
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