Edited By Isha, Updated: 05 Oct, 2022 10:23 AM
शहर से नारायणगढ़ रोड पर स्थित गरनाला गांव में गिरदावरी के लिए गए एक पटवारी के साथ स्थानीय किसानों की काफी कहासुनी हो गई, वहीं पटवारी ने किसानों पर खुद को बंधक बनाने के भी आरोप लगाए है।
किसानों ने पटवारी को उनके सामने
अम्बाला शहर : शहर से नारायणगढ़ रोड पर स्थित गरनाला गांव में गिरदावरी के लिए गए एक पटवारी के साथ स्थानीय किसानों की काफी कहासुनी हो गई, वहीं पटवारी ने किसानों पर खुद को बंधक बनाने के भी आरोप लगाए है। किसानों ने पटवारी को उनके सामने ही सरकारी पोर्टल खोलकर गिरदावरी की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा। लेकिन पोर्टल नहीं चलने के कारण मामला तूल पकड़ गया और किसानों व पटवारी के बीच काफी देर तक कहासुनी हुई।
दरअसल, बारिश के कारण खेतों में बिना कटी धान की फसलें खराब हो गई है। ऐसे में सरकार की ओर से किसानों को खराब हुई फसलों का मुआवजा देने के लिए घोषणा की गई है। इसी कड़ी में सरकारी आदेशानुसार मंगलवार को पटवारी राजेश कुमार गरनाला गांव में खराब हुई फसलों की गिरदावरी करने के लिए पहुंचा।
पटवारी ने किसानों को उनके खेतों में खराब हुई फसलों की फोटो और वीडियो दिखाने के लिए कहा। लेकिन पोर्टल पर ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करने के लिए सरकारी पोर्टल ही नहीं चला। ऐसे में गुस्साए किसानों ने पटवारी को बंधक बना लिया और तहसीलदार को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़ गए। हालंाकि, कुछ देर बाद किसानों ने पटवारी को छोड़ दिया और उसने ऑनलाइन पोर्टल नहीं चलने के कारण मैनुअल ही किसानों की रिपोर्ट लिखी।
किसानों ने लगाए आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि विभाग की तरफ से दिए गए पोर्टल पर 5 एकड़ तक की फसल की गिरदारवरी के लिए ही आवेदन कर सकते हैं। जबकि पटवारी राजेश का कहना है कि ऐसा नहीं है। किसानों ने कहा कि सरकार की मंशा है कि फसल कटने के बाद ही पोर्टल को चलाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को पता है कि किस किसान के पास कितनी जमीन है और कितनी फसल उगाई जा रही है। ये भी पता है कि कितनी धान मंडी तक पहुंच रही है तो सरकार को ये भी पता है कि किसकी कितनी फसल खराब हुई।