Edited By Manisha rana, Updated: 19 Aug, 2022 05:55 PM
बेरोजगारी के मामले में सरकार पर अक्सर विपक्ष के हमले होते हैं। सरकार दावा करती है कि रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। उद्योगों में 75 प्रतिशत स्थानीय...
बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़) : बेरोजगारी के मामले में सरकार पर अक्सर विपक्ष के हमले होते हैं। सरकार दावा करती है कि रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। उद्योगों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार का आरक्षण भी दिया गया, लेकिन कई जगह लोगों को रोजगार मिलने की बजाए लोगों का रोजगार खत्म हो रहा है।
मामला बहादुरगढ़ की पारले बिस्कुट फैक्ट्री का है। पारले बिस्कुट फैक्ट्री में चिप्स और वेफर के लिए अलग से प्लांट लगाया गया था जिसमें 56 कर्मचारी काम कर रहे थे। अब मैनेजमैंट ने वेफर प्लांट बंद कर दिया है जिसके बाद 56 कर्मचारियों को भी बाहर निकाल दिया। बाहर निकाले गए कर्मचारियों ने गेट पर प्रदर्शन किया और मैनेजमैंट के खिलाफ नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें वापिस बिस्कुट प्लांट में काम पर रखा जाए।
वहीं फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि प्लांट बंद करने के बाद सरकार के विभाग की मंजूरी के बाद सभी 56 कर्मचारियों का हिसाब किया गया है। अब चूंकि प्रबंधन ने प्लांट बंद कर दिया है तो उस प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों का काम भी खत्म हो जाता है। श्रम विभाग के नियमों के तहत प्लांट बंद करने के बाद जो देनदारी कर्मचारियों के प्रति प्रबंधन की बनती है वो भी दी जा रही है।
बताया जा रहा है कि बहादुरगढ़ के पारले बिस्कुट प्लांट में बिस्कुट और क्रैकजैक बिस्कुट भी बनता है। अभी सिर्फ एक प्लांट बंद हुआ है। वेफर प्लांट में भी बिस्कुट प्लांट से कर्मचारियों को शिफ्ट किया गया था इसीलिए कर्मचारी प्रबंधन से वापिस बिस्कुट प्लांट में लगाने की मांग कर रहे है। अगर ऐसा नहीं तो फिर उन्हें वीआरएस के नियमों के तहत भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। जबकि प्रबंधन श्रम नियमों के तहत भुगतान का दावा कर रहा है।
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