Edited By Manisha rana, Updated: 22 Oct, 2020 08:15 AM
हरियाणा में आर्थिक तौर से खस्ताहाल नगर निगमों में बकाया पैसों की रिकवरी नहीं होने से शहरी निकाय मंत्री अनिल विज खफा हैं। इसी कड़ी में विज ने ...
चंडीगढ़ (अविनाश पांडेय) : हरियाणा में आर्थिक तौर से खस्ताहाल नगर निगमों में बकाया पैसों की रिकवरी नहीं होने से शहरी निकाय मंत्री अनिल विज खफा हैं। इसी कड़ी में विज ने बुधवार को एच.सी.एस. अफसर एवं पानीपत नगर निगम आयुक्त सुशील कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पैंड करने की संस्तुति मुख्य सचिव को की है। बताया गया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पानीपत निगम में 139 करोड़ में से महज 9 करोड़ रुपए की ही रिकवरी हो सकी है, जबकि पिछले वर्ष 121 करोड़ का लक्ष्य था, जिसमें से 59 करोड़ की इनकम हुई थी।
मंत्री की ओर से अन्य निगम आयुक्तों को दो टूक कहा गया कि यदि जल्द रिकवरी नहीं की गई तो उन पर भी कार्रवाई होना तय है।
1129 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स बकाया
प्रदेश में 10 नगर निगमों के बकाया पर गौर करें तो सबसे ज्यादा पैसा प्रॉपर्टी टैक्स के तौर पर बकाया है। इनमें गुरुग्राम नगर निगम में सबसे ज्यादा 334 करोड़ रुपए है, जबकि अम्बाला में करीब 17 करोड़, यमुनानगर में 41 करोड़, सोनीपत में 69 करोड़, करनाल में 144 करोड़, हिसार में 15 करोड़, फरीदाबाद में 239 करोड़, पानीपत में 222 करोड़, पंचकूला में 11 करोड़ और रोहतक में करीब 32 करोड़ रुपए बकाया है।
बिजली ड्यूटी के तौर पर भी 207 करोड़ बकाया
प्रॉपर्टी टैक्स के बाद बिजली ड्यूटी के तौर पर भी 207 करोड़ रुपए बकाया है। इनमें सबसे ज्यादा करीब 176 करोड़ गुुरुग्राम में तथा 20 करोड़ रुपए पानीपत में है। इसके अलावा अम्बाला में 72 लाख, यमुनानगर में 53 लाख, सोनीपत में 3 करोड़, हिसार में 25 लाख, फरीदाबाद में 4 करोड़ और रोहतक में 50 लाख रुपए बकाया है।
अब खुद की कमाई से खर्च करेंगे नगर निगम
सरकार की ओर से नगर निगमों को साफ कहा गया कि वह अपनी कमाई का जरिया बढ़ाएं और उसके तहत ही शहरों में विकास का काम करें। बीते फरवरी में इस संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में निगम आयुक्तों व मेयरों की अहम बैठक हुई थी, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही अफसरों को खास हिदायत जारी की गई थी।
ये हैं 10 नगर निगमों में बकाया धनराशि का आंकड़ा
टैक्स बकाया (लाखों में)
प्रॉपर्टी टैक्स 1,12,948.32 रुपए
फायर टैक्स 3387.47 रुपए
शो टैक्स 5.40 रुपए
रैंट 1659.58 रुपए
वाटर चार्ज 2618.32 रुपए
सीवरेज चार्ज 465.81 रुपए
इलैक्ट्रिसिटी ड्यूटी 20,724.89 रुपए
डिवैल्पमैंट चार्ज 4628.66 रुपए
तहबाजारी 519.21 रुपए
विज्ञापन शुल्क 2984.22 रुपए
लाइसैंस फीस 1639.46 रुपए
बिल्डिंग एप्लीकेशन फीस 27.55 रुपए
फाइन एंड कंपोजीशन 156.79 रुपए
मोबाइल टावर एंड केबल लाइसैंस 807.53 रुपए
कनवर्जन चार्ज 5070.08 रुपए
सेल ऑफ लैंड 126.10 रुपए
ओ.सी. 10,160.71 रुपए
सैनीटेशन चार्ज 1000.00 रुपए
स्टाम्प फीस 2.20 रुपए
कुल 1,68,932.30 रुपए
नगर निगमों को बकाया पैसा वसूलने के लिए आदेश दिए गए हैं। वर्षों से करोड़ों रुपए बकाया पैसों को लेकर विभाग की ओर से पहल नहीं करने के कारण यह आंकड़ा लगातार बढ़ता गया और निगमों की वित्तीय हालत खराब होती गई। रिकवरी में ढिलाई बरतने के कारण ही पानीपत नगर निगम आयुक्त को सस्पैंड करने की संस्तुति की है। अन्य आयुक्तों से बकाया वसूली को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है।