Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 10 Jul, 2018 02:04 PM
प्रदेश में भले ही बाल मजदूरी पर रोक हो लेकिन फिर भी लोग बच्चों से काम करवा रहे हैं। हालांकि बाल मजदूरी कराने वालों को तीन से सात वर्ष की सजा का प्रावधान भी है इसके बावजूद भी लोग अपने घरों अौर दुकानों पर छोटे बच्चों से मजदूरी करवा रहे हैं। वहीं,...
पलवल (गुरुदत्ता गर्ग): प्रदेश में भले ही बाल मजदूरी पर रोक हो लेकिन फिर भी लोग बच्चों से काम करवा रहे हैं। हालांकि बाल मजदूरी कराने वालों को तीन से सात वर्ष की सजा का प्रावधान भी है इसके बावजूद भी लोग अपने घरों अौर दुकानों पर छोटे बच्चों से मजदूरी करवा रहे हैं। वहीं, स्टेट क्राइम और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम ने पलवल में कार्रवाई करते हुए बाल मजदूरी करते हुए 2 बच्चों को एक चाय वाले के पास से मुक्त कराया है। एक बच्चे की उम्र तेरह और दूसरे की सोलह वर्ष पाई गई। चाय वाले ने दोनों को तीन-तीन हजार की पगार पर रखा हुआ था।
पलवल चाइल्ड लाइन प्रमुख रचना शर्मा ने बताया की उन्हें काफी दिनों से पलवल मीनार गेट के पास गर्ग चाय वाले के यहां चाइल्ड लेबर की शिकायत मिल रही थी। शिकायतों के मद्देनजर स्टेट क्राइम की टीम के साथ छापा मारा तो दो बच्चे काम करते हुए मिले, जिनकी उम्र तेरह और सोलह वर्ष पाई गई। बच्चों का मेडिकल कराने के बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किए जाएगा। वह जो निर्णय लेंगी उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
गर्ग चाय वाले ने बताया कि उसने कुछ दिन पहले ही दोनों लड़कों को चाय की सप्लाई के लिए रखा था। दोनों को वह तीन-तीन हजार रुपए महीना पगार देता था।
रेस्क्यू कराने वाली टीम में चाइल्ड लाइन से रचना सौरौत, स्टेट क्राइम ब्यूरो से हेड कांस्टेबल अमर सिंह, हेड कांस्टेबल चन्द्र पाल, कांस्टेबल प्रवेश, मेहर सिंह तथा धर्मेन्द्र आदि शामिल थे।