10वीं के परीक्षा परिणामों में पलवल सबसे पीछे, पहले नंबर पर रहा जिला चरखी दादरी

Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 22 May, 2018 04:17 PM

palwal 10th exam result

हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा घोषित 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में पलवल का परिणाम पूरे प्रदेश में सबसे खराब रहा। वहीं 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में भी पलवल प्रदेश में सबसे पीछे रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नकल बंद...

पलवल(दिनेश कुमार): हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा घोषित 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में पलवल का परिणाम पूरे प्रदेश में सबसे खराब रहा। वहीं 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में भी पलवल प्रदेश में सबसे पीछे रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नकल बंद होने के कारण पलवल के परीक्षा परिणाम एेसे आए हैं। वहीं कुछ अध्यापकों का कहना है कि अध्यापकों की ड्यूटी अन्य कार्यों में लगाई जाती थी जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है। बेहतर परिणाम लाने के लिए 5वीं और 8 वीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षा होनी चाहिए ताकि छात्र कठिन परिश्रम करें।
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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा के परिणामों पर जिलावार नज़र डालें तो प्रदेश का सबसे नया जिला चरखी दादरी 68.39 प्रतिशत परीक्षा परिणामों के साथ प्रथम नंबर पर रहा। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का जिला 63.77 प्रतिशत के साथ प्रदेश भर में द्वितीय स्थान पर रहा। वहीं तीसरे स्थान पर 62.71 प्रतिशत के साथ रेवाड़ी जिला रहा। 

इसी प्रकार प्रदेश के  खराब परिणाम वाले जिलें की बात करें तो मेवात जिले का परिणाम मात्र 38.6 प्रतिशत रहा। जबकि सबसे खराब परिणाम पलवल का रहा, जिसका परिणाम 38.5 प्रतिशत रहा। अन्य जिलों का जिक्र करें तो 42.98, भिवानी का परिणाम 52.42, फरीदाबाद का 41.29, फतेहाबाद का 47.75, गुरुग्राम का 45.67, हिसार का 54.48, झज्जर का परिणाम 60 फीसदी रहा। वहीं जींद का परिणाम 50.60, करनाल का 43.6, कैथल का 47.99, कुरूक्षेत्र का 47.32, पंचकूला का 44.43, पानीपत का 51.57, रोहतक का 53.36, सिरसा का51.04, सोनीपत का 54.73 अौर यमुनानगर का परिणाम 40.72 फीसदी रहा।
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पलवल के परीक्षा परिणामों में सबसे खराब परिणाम आने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी इसका कारण नकल को रूकना मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस  बार नकल पूरी तरह से रोक दी गई। जिसके बाद ये परिणाम आए हैं। इस ब्यान से साफ साबित हो जाता है कि इससे पहले नकल चला करती थी। जिससे इस जिले का परीक्षा परिणाम अच्छा आता था। वहीं स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापकों का कहना है ‌कि सरकार के द्वारा दूसरे काम अध्यापकों को दे दिए जाते हैं जिस कारण वो बच्चों को पढ़ाने में पूरा समय नहीं लगा पाते। सरकार को चाहिए कि वो अध्यापकों  को दूसरे काम न दें जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
 

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