सर्दी की वजह से 69 से अधिक लोगों को पड़ा दिल के दौरा

Edited By Isha, Updated: 22 Dec, 2019 11:59 AM

over 69 people suffered heart attacks due to cold

नश्तर सी चुभती सर्दी तीर सी दिल में भी उतर रही है। फरीदाबाद के सरकारी समेत विभिन्न निजी अस्पतालों में पिछले तीन दिनों में सर्दी की वजह से 69 से अधिक रोगी दिल के दौरे पडऩे के बाद भर्ती हुए

फरीदाबाद(सुधीर राघव): नश्तर सी चुभती सर्दी तीर सी दिल में भी उतर रही है। फरीदाबाद के सरकारी समेत विभिन्न निजी अस्पतालों में पिछले तीन दिनों में सर्दी की वजह से 69 से अधिक रोगी दिल के दौरे पडऩे के बाद भर्ती हुए। अस्पतालों के आउटडोर में भी दिल थामे पहुंचने वालों की कतार लंबी हो गई है। हाड़कंपाती सर्दी शरीर के हर अंग पर हमला करती है। तापमान अगर अधिक कम हो जाए तो फिर इसकी जद में दिल भी आ ही जाता है। वैसे बुजुर्गों को खतरा अधिक है। वे इस जाड़े के मौसम में अधिक सावधानी बरतें बेहतर रहेगा। 

तीन दिनों से सर्दी तेज है। इसने लोगों के दिल को भी तगड़ा झटका दिया है। डॉक्टरों के अनुसार बीके अस्पताल के मेडीटिना सरकारी हार्ट सेंटर में पिछले तीन दिनों में दिल के दौरे के 15 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई है। जबकि ओपीडी में तीन दिन में 30 मरीज ईको जांच व एंजियोग्राफी के पहुंचे। इनमें से ही 15 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई। इसी प्रकार शहर के मैट्रो हार्ट अस्पताल, सर्वोदय, एशियन व क्यूआरजी अस्पतालों की ओपीड़ी में करीब 100 मरीज पहुंचे। जिनमें से करीब 60 मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई। जो सामान्य दिनों की तुलना में अधिक है। 


बीके अस्पताल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल की माने तो इनमें अधिकांश बुजुर्ग मरीज थे। लेकिन एक फीसदी मरीज प्रतिदिन 40 से कम आयु वर्ग के पहुंच रहे है। यदि युवाओं का आंकडा देखे तो शहर के सभी चार बड़े हार्ट सेंटरों में हर रोज करीब 5 से 7 युवा मरीज भी हार्ट अटैक के आ रहे है, जिनकी एंजियोप्लास्टी की जा रही है। कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. ओमजीवन के अनुसार बीके अस्पताल में पिछले तीन दिन में 3 युवा मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई है। हालांकि उतना अधिक मरीज नहीं बढ़े हैं लेकिन पुराने की बजाय नए केस अधिक आ रहे हैं। हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण तेज सर्दी माना जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि तापमान में यूं ही गिरावट होती रही तो पीड़ितों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है।

यह है हार्ट अटैक
कोरोनरी धमनी (दिल को रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिका) के सिकुडऩे या ब्लॉक होने पर यह दिल को ऑक्सीजनयुक्त रक्त से वंचित कर देती है। जिससे मांसपेशी कोशिकाएं खत्म हो जाती है। ऐसे में दिल शरीर के सभी हिस्सों में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता। इससे हार्ट अटैक होता है। देश के जाने माने वरिष्ठ हद्य रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रताप कुमार ने बताया कि जिन मरीजों को दिन की बीमारी है, उनके लिए सर्दी सबसे खराब है। सर्दियों के दौरान सीने में बेचैनी, खूब पसीना, गर्दन हाथ, जबड़े और कंधे में दर्द या सांस की तकलीफ को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। 

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