Edited By Isha, Updated: 25 Mar, 2020 02:55 PM
एक तरफ पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस से संघर्ष करने में लगा है तथा भारत में लोगों को घरों में रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है ताकि इस बीमारी .....
तरावड़ी (चावला) : एक तरफ पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस से संघर्ष करने में लगा है तथा भारत में लोगों को घरों में रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है ताकि इस बीमारी को देश में फैलने से रोका जा सके लेकिन इस खमियाजा उन मरीजों को भी भुगतना पड़ रहा है जिन्हें कोई और समस्या है। आज तरावड़ी में शाम को एक व्यक्ति को उसके परिजन रेहड़ी में लिटाकर जैसे ही अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां पर न तो डाक्टर था और न ही एम्बुलैंस।
मरीज करीब एक घंटे तक अस्पताल के गेट पर तड़पता रहा लेकिन किसी ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया, वहीं कोरोना के डर के चलते अस्पताल परिसर में मौजूद स्टाफ के लोग मरीज के पास तक नहीं आए तथा दूर से ही कहने लगे कि आप इसे नीलोखेड़ी या करनाल ले जाएं, क्योंकि यहां पर डाक्टर की ड्यूटी सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक है।
मरीज गगन करनाली गेट क्षेत्र का रहने वाला है तथा उसकी गुलाबो ने बताया कि उसके बेटे गगन को अचानक खून की उलटी एवं दस्त लगने के कारण यहां पर लाया गया है लेकिन अस्पताल के लोग उनकी बात तक सुनने को तैयार नहीं है। बाद में परिजनों ने 108 नंबर पर फोन किया, तब जाकर एम्बुलैंस आई, वहीं जब इस मामले को लेकर तरावड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के एस.एम.ओ. से बात की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।