Edited By Deepak Paul, Updated: 19 Apr, 2018 11:44 AM
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर लीक से हटकर चलने का प्रयास करते हुए अपने कार्यालय में एक आई.पी.एस. अधिकारी को तैनात करते हुए यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वे उन्हीं लोगों को तवज्जो देना जानते हैं जो अधिकारी पारदर्शिता के साथ जनता के...
सिरसा(ब्यूरो): मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर लीक से हटकर चलने का प्रयास करते हुए अपने कार्यालय में एक आई.पी.एस. अधिकारी को तैनात करते हुए यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वे उन्हीं लोगों को तवज्जो देना जानते हैं जो अधिकारी पारदर्शिता के साथ जनता के बीच रहकर जनसेवा का जज्बा रखते हैं।गौरतलब है कि सरकार द्वारा 1992 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी ओ.पी. सिंह को मंगलवार को मुख्यमंत्री का विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया है। पुलिस सेवा में प्रयोगधर्मी अधिकारी के रूप में अपनी पहचान रखने वाले सिंह वीरवार को नया पदभार संभालते हुए एक नई पारी की शुरूआत करेंगे।
पुलिस सेवा में रहते विभिन्न स्थानों पर नियुक्त रहे ओ.पी. सिंह ने अपनी योग्यता और कार्यकुशलता के जरिए अलग पहचान तो कायम की ही, वहीं अपने इन्हीं कार्यों के कारण उन्हें 2 बार राष्ट्रपति मैडल 2008 व 2017 में मिला है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ए.डी.जी.पी. स्तर के आई.पी.एस. अधिकारी ओ.पी. सिंह पहले ऐसे आई.पी.एस. अधिकारी हैं जिन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय में नियुक्त किया गया है, जबकि वे दूसरे ऐसे आई.पी.एस. अधिकारी हैं जिन्हें पुलिस सेवा से हटकर बड़े प्रशासनिक पद पर तैनात किया गया है। उनसे पहले सरकार द्वारा एक अन्य वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी शत्रुजीत कपूर को भी 2015 में बिजली निगमों का सी.एम.डी. नियुक्त किया गया था।
यह हैं ओ.पी सिंह
1992 बैच के हरियाणा कॉडर के आई.पी.एस. अधिकारी ओ.पी. सिंह ने अपने पुलिस करियर की शुरूआत बतौर ए.एस.पी. (प्रशिक्षण आधीन) फरीदाबाद से की। इसके बाद वे कैथल, पानीपत, हिसार, जींद जैसे जिलों के अलावा रेलवे में बतौर एस.पी. रहे। हिसार और रेवाड़ी रेंज में आई.जी. के तौर पर अपनी दक्षता का प्रमाण दिया तो अम्बाला-पंचकूला में बतौर कमिश्नर भी काम किया। तत्कालीन हुड्डा सरकार ने उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए आई.ए.एस. अधिकारी के पद पर उन्हें खेल निदेशक नियुक्त किया।
चूंकि कुछ नया करने में माहिर रहे ओ.पी. सिंह ने हिसार में आई.जी. रहते लीक से हटकर चलने की कवायद के तहत कई नए प्रयोग किए। इस कड़ी में जहां थानों व चौकियों में सुस्ताने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को सड़कों पर मुस्तैद किया तो वहीं अपराध और नशे के खिलाफ युवाओं व अन्य वर्गों के लोगों का साथ लेकर मैराथन दौड़ें लगाईं। यही नहीं सरपंचों के साथ गोल्फ भी खेले जिसका असर यह हुआ कि पुलिस के प्रति बना भय और दूरी मिटी और अपराधों में कमी दर्ज की गई, तब ओ.पी. सिंह हरियाणा में मैराथन मैन के नाम से प्रसिद्ध हुए।