भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल में एक लाख करोड़ का हुआ घोटाला

Edited By Isha, Updated: 15 Feb, 2020 10:40 AM

one lakh crore scam happened during bhupendra hooda s tenure

हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल में मास्टर प्लान के नाम पर किसानों की जमीनों के साथ धोखाधड़ी करके करीब एक लाख करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है। यह आरोप आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता

गुडग़ांव (ब्यूरो): हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल में मास्टर प्लान के नाम पर किसानों की जमीनों के साथ धोखाधड़ी करके करीब एक लाख करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है। यह आरोप आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता हरिंद्र धींगड़ा ने लगाया है। धींगड़ा कहते हैं कि बिल्डरों को जमीन देने के लिए भूमि के निर्धारित मापदंडों में हेर-फेर करके पूर्व मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ धोखा किया है। इसके लिए बढ़ती आबादी का बहाना करके मास्टर प्लान तैयार किया गया ताकि किसानों के साथ ठगी की जा सके। 

उल्लेखनीय है कि आमतौर पर मास्टर प्लान 20 साल के अंतराल पर बनाया जाता है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने 3 बार मास्टर प्लान बनाकर करीब 5400 एकड़ जमीन बिल्डरों व कालोनाइजर्स को सौंप दिया।पहला मास्टर प्लान बनाया गया 11 जुलाई 2006 को जारी किया गया जिसकी कोई भी सार्वजनिक सूचना सरकार की तरफ से नहीं दी गई और कुल 11 सैक्टरों को सार्वजनिक, अर्ध सार्वजनिक औद्योगिक आदि को व्यावसायिक और आवासीय में बदलकर दिया गया।

इसी तरह साल 2010 में मास्टर प्लान लाया गया, जिसमें करीब 500 एकड़ खेतिहर भूमि को भूपेंद्र हुड्डा ने आवासीय में तब्दील कर दिया। महज एक साल बाद ही तीसरा मास्टर प्लान लाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने आॢथक जोन की करीब 2200 एकड़ भूमि को फिर से व्यावसायिक व आवासीय में बदल दिया। सैक्टर 115 की 81 एकड़ से अधिक जमीन को भी व्यावसायिक घोषित कर दिया गया। हुड्डा सरकार ने मास्टर प्लान 2031 में जो जमीन विशेष आॢथक क्षेत्र (एस.ई.जैड.) के रूप में विकसित नहीं हुई थी उसे रद्द करते हुए करीब 25 हजार एकड़ जमीन को सेज प्रमोटर्स को लाइसैंस की अनुमति दे दी गई और यह भूमि किसानों को वापस नहीं की गई थी।   हजारों करोड़ रुपए की घपलेबाजी में रामप्रस्था बिल्डर, ङ्क्षचटल, डी.एल.एफ., बेसटैक, एम.थ्री एम. जैसे कुल 5 बिल्डरों को फायदा पहुंचाया गया। मास्टर प्लान 2021 तैयार होने से पहले ही ये बिल्डर किसानों की जमीन खरीदने में लगे थे। साल 2005 में हुड्डा के मुख्यमंत्री बनते ही 30 गुणा से अधिक जमीनों की खरीद की गई। 


सरकार ने पूर्व सूचना देकर इन बिल्डरों को एक हजार एकड़ जमीन देकर करीब 40 हजार करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया गया। इसी प्रकार कुछ अन्य बिल्डरों ने भी जमीनें खरीदी जो सेज से बदलकर आवासीय कर दी गईं।  आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता हरिंद्र धीगड़ा ने बताया कि जमीनों के घालमेल और किसानों के साथ धोखाधड़ी की गई है और बिल्डरों को भारी फायदा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल में पहुंचाया गया है। हम केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि इस बारे मेंं जांच की जानी चाहिए। 

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