Edited By Manisha rana, Updated: 18 Dec, 2020 01:57 PM
पलवल जिला अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद परिजनों द्वारा इलाज तथा एंबुलेंस मिलने में देरी का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा। गुस्साए परिजनों ने एंबुलेंस में तोड़फोड़ करने के बाद रेफरल सेवा ऑपरेटर के साथ मारपीट की और कंप्यूटर तथा टेलीफोन आदि...
पलवल (गुरुदत्त गर्ग) : पलवल जिला अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद परिजनों द्वारा इलाज तथा एंबुलेंस मिलने में देरी का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा। गुस्साए परिजनों ने एंबुलेंस में तोड़फोड़ करने के बाद रेफरल सेवा ऑपरेटर के साथ मारपीट की और कंप्यूटर तथा टेलीफोन आदि को तोड़ते हुए मैज को पलट दिया। जिसमें कंप्यूटर ऑपरेटर को चोट आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वीरवार शाम करीब 4:00 बजे हथीन रोड पर रतिपुर गांव के पास एक ट्रक डम्फर चालक ने बाइक सवार को टक्कर मारते हुए महिला को रौंद दिया, जिसके बाद महिला को इलाज के लिए पलवल जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां पर काफी देर तक इमरजेंसी में डॉक्टर नहीं मिला। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर को फोन करके बुलाया गया था। तब तक एक स्टाफ नर्स मात्र ग्लूकोस की बोतल को लेकर यहां वहां घूमता दिखाई दे रहा था।
उन्होंने आरोप लगाया कि पहले तो काफी देर बाद आए डॉक्टर ने गंभीर हालत होते हुए भी मरीज को रेफर करने में काफी समय लगा दिया। उसके बाद उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली। एंबुलेंस काफी देर बाद आई वह फिर पेट्रोल लेने के लिए चली गई। तब तक काफी समय बीत चुका था। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने गंभीर रूप से घायल महिला को ऑक्सीजन भी नहीं लगाई थी और यह कह करके भेज दिया कि हमारा जो काम था हमने कर दिया है।
परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला को यदि समय रहते ठीक प्राथमिक उपचार और समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो उनके मरीज की जान बच सकती थी। मरीज को दिल्ली के लिए रेफर किया गया था लेकिन किसी के कहने पर वह पलवल के गुरु नानक हॉस्पिटल ले गए थे लेकिन वहां पर कुछ देर बाद ही मृतका ने दम तोड़ दिया। 35 वर्षीय मृतका का नाम उर्मिला बताया गया जो अपने भाई जसवीर और दो बच्चों के साथ गढ़ी विनोदा गांव में अपने मामा के लड़के की शादी में शामिल होने के लिए मोटरसाइकिल से जा रहे थे। पीछे से पलवल की तरफ से आए एक डंपर ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिसके बाद मोटरसाइकिल से उछलकर उर्मिला डंपर के टायर के नीचे आ गई, जिससे वह काफी गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
केंद्र ऑपरेटर आनंद ने बताया कि उसके पास जैसे ही एंबुलेंस आई तुरंत मरीज को लेकर भेज दिया गया था लेकिन उसके करीब 8 घंटे बाद मरीज के साथ आए लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। गुस्साए परिजनों ने एंबुलेंस गाड़ी जिसमें घायल महिला को रेफर करके पलवल के गुरु नानक हॉस्पिटल ले जाया गया था उसमें भी जमकर तोड़फोड़ करते हुए सारे शीशे आदि तोड़ दिए। एंबुलेंस चालक हरवीर ने बताया कि गाड़ी में उसके साथ ईएमटी नहीं होने के कारण उसने खुद मरीज को ऑक्सीजन लगाई थी और उसके बाद जितना जल्दी हो सका परिजनों को कहने पर मरीज को गुरुनानक हॉस्पिटल लेकर गया, वहां छोड़ कर आया था।