निरंतर बढ़ रही बेसहारा पशुओं की संख्या, शहरवासियों के लिए बनी आफत

Edited By Isha, Updated: 25 Jan, 2020 12:06 PM

number of destitute animals continuously increasing disaster created

शहर में निरंतर बढ़ रही बेसहारा पशुओं की संख्या शहरवासियों के लिए आफत बनी हुई है। पशुओं के डर के चलते महिलाओं का गलियों में बैठना और बच्चों का गलियों में खेलना मुश्किल हो गया......

रतिया (शैलेंद्र) : शहर में निरंतर बढ़ रही बेसहारा पशुओं की संख्या शहरवासियों के लिए आफत बनी हुई है। पशुओं के डर के चलते महिलाओं का गलियों में बैठना और बच्चों का गलियों में खेलना मुश्किल हो गया है। शहर के वार्ड-11 के लोग बेसहारा पशुओं से सबसे अधिक परेशान हैं। संदीप कुमार, रेशम सिंह, वीरेंद्र कुमार, प्रेम कुमार, राहुल व लक्खा सिंह आदि ने बताया कि शहर में बेसहारा पशुओं की लगातार बढ़ रही संख्या चिंता का कारण बनी हुई है। अनेक बार लोग बेसहारा पशुओं के चपेट में आकर घायल हो चुके हैं।

वहीं बेसहारा पशुओं को पर्याप्त चारा व पानी आदि नहीं मिलने के कारण वे शहर में घूमते हुए गंदगी व पॉलीथिन खाने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि बाहरी क्षेत्रों के लोग देर-सवेर इन पशुओं को शहर के आसपास छोड़ जाते हैं जिस कारण शहर में बेसहारा पशुओं की संख्या कम नहीं हो रही है। बेशक नंदीशाला व गौशाला द्वारा समय-समय पर नगर पालिका के सहयोग से शहर में घूमने वाले पशुओं को नंदीशाला व गौशाला पहुंचाया जाता है लेकिन कुछ दिनों के बाद शहर में घूमने वाले बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ जाती है।

लोगों का कहना है कि अनेक  बार पशु आपस में लड़ते हुए गलियों में घूस जाते हैं जिससे लोगों में हमेशा भय का माहौल बना रहता है। इस बारे में पार्षद प्रतिनिधि विक्की मोंगा का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। जल्द ही न.पा. चेयरपर्सन व सचिव के समक्ष समस्या रखी जाएगी।  

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