अब मुख्यमंत्री सचिवालय में बदलाव की तैयारी ,अगले सप्ताह हो सकता है CMO में फेरबदल

Edited By Isha, Updated: 17 Nov, 2019 11:07 AM

now preparing for change in chief minister s secretariat

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने मंत्रिमंडल का गठन करने के बाद अब सचिवालय में किसी भी समय फेरबदल कर सकते हैं। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगले सप्ताह दौरान मुख्यमंत्री सचिवालय

 डेस्क (संजय अरोड़ा)-  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने मंत्रिमंडल का गठन करने के बाद अब सचिवालय में किसी भी समय फेरबदल कर सकते हैं। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगले सप्ताह दौरान मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात कई अधिकारी तो लगातार पद पर बनाए रखे जा सकते हैं वहीं कइयों की छुट्टी के साथ कई नए चेहरे सी.एम.ओ. में दिखाई दे सकते हैं। गौरतलब है कि किसी भी सरकार को चलाने में मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात अधिकारियों की कार्यप्रणाली ही अहम मानी जाती है और इन अधिकारियों द्वारा लिए जाने वाले फैसले ही सरकार की जनता में साख बनाने में सहायक सिद्ध होते हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री अपने सचिवालय में अधिकारियों की नियुक्ति काफी सोच-समझकर व मंथन के बाद ही करते हैं। 

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सचिवालय में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ-साथ अतिरिक्त प्रधान सचिव, उपप्रधान सचिव, विशेष कार्याधिकारी, राजनीतिक सलाहकार व मीडिया सलाहकार जैसे पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं,मगर मनोहर लाल खट्टर के बतौर मुख्यमंत्री प्रथम कार्यकाल दौरान जहां राजनीतिक सलाहकार का पद लम्बे समय तक खाली पड़ा रहा वहीं मुख्यमंत्री ने एक वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी को अपने कार्यालय में अपना विशेष अधिकारी नियुक्त किया। इसके अलावा पिछली सरकार दौरान मुख्यमंत्री सचिवालय में कई विशेष कार्याधिकारी नियुक्त किए गए थे।

जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री सचिवालय में जिन अधिकारियों को लगातार पद पर बनाए रखा जा सकता है,उनमें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर,अतिरिक्त प्रधान सचिव वी.उमाशंकर,प्रधान विशेष कार्याधिकारी नीरज दफ्तुआर,विशेष कार्याधिकारी अमरजीत सिंह,विशेष कार्याधिकारी भूपेश्वर दयाल व मुख्यमंत्री के ए.डी.सी. रजनीश गर्ग का नाम शामिल है। 2015 से लगातार मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर तैनात राजेश खुल्लर समय-समय पर सरकार के समक्ष बनी विकट परिस्थितियों से सरकार को उभारने में सहायक साबित हुए हैं और अपनी सकारात्मक भूमिका से किसी को नाराज नहीं किया। इसी प्रकार वी.उमाशंकर व नीरज दफ्तुआर जैसे अधिकारी सरकार के नीतिगत फैसलों में काफी प्रभावी भूमिका में रहे। इसके अलावा कुछ अधिकारियों की छुट्टी संभावित है। जिन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय में नई एंट्री मिल सकती है,उनमें जवाहर यादव व अजय गौड़ का नाम चर्चा में है।

जवाहर यादव को मुख्यमंत्री का राजनीतिक सलाहकार लगाया जा सकता है तो हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम के पूर्व चेयरमैन अजय गौड़ को ओ.एस.डी. के पद पर तैनात किया जा सकता है। गौरतलब है कि जवाहर यादव 2014 में भाजपा की सरकार बनने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओ.एस.डी. नियुक्त किए गए थे और इसी प्रकार भाजपा नेता जगदीश चोपड़ा को मुख्यमंत्री का राजनीतिक सलाहकार बनाया गया था, मगर इन दोनों को ही कुछ समय बाद पद से हटा दिया गया था। राजनीतिक सलाहकार का पद तो तब से लेकर अब तक रिक्त ही रहा है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के रूप में फिर से राजीव जैन व अमित आर्य का नाम चर्चा में है।

गुप्तचर विभाग में बदलाव संभावित
किसी भी सरकार में मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस विभाग में जिस पद को सबसे अहम माना जाता है,वह गुप्तचर प्रमुख का पद है। वर्तमान में गुप्तचर विभाग में अनिल राव ए.डी.जी.पी. (सी.आई.डी.) के पद पर तैनात हैं। राव मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र अधिकारियों में शामिल हैं। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस बार मुख्यमंत्री उन्हें किसी अन्य अहम पद पर तैनात कर सकते हैं,जबकि गुप्तचर प्रमुख के पद पर ए.डी.जी.पी. स्तर के आई.पी.एस. अधिकारी शत्रुजीत कपूर को लगाया जा सकता है। कपूर की गिनती भी सी.एम.खट्टर के भरोसेमंद अधिकारियों में होती है। यही वजह है कि आई.पी.एस. होते हुए शत्रुजीत कपूर को बिजली निगम के सी.एम.डी. के महत्वपूर्ण पद पर तैनात किया गया था। कपूर इससे पहले गुप्तचर विभाग प्रमुख के पद पर कार्य कर चुके हैं। 

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