अब कुरूक्षेत्र और यमुनानगर में धान खरीद में पाई अनियमितता, सरकार को चूना लगाने की थी तैयारी

Edited By Isha, Updated: 25 Nov, 2020 11:07 AM

now kurukshetra and yamunanagar found irregularities in paddy procurement

कुछ ही दिन पहले करनाल जिले में धान खरीद को लेकर पाई अनियमितता से जंहा खाद्य एवम् आपूर्ति विभाग काफी अलर्ट मोड पर था। वहीं अब कुरूक्षेत्र और यमुनानगर में बाहर से लाए जा रहे चावल विभाग के उच्चाधिकारियों को हैरान कर दिया है। खाद्य आपूर्ति विभाग के...

चंडीगढ़ (चन्द्रशेखर धरणी): कुछ ही दिन पहले करनाल जिले में धान खरीद को लेकर पाई अनियमितता से जंहा खाद्य एवम् आपूर्ति विभाग काफी अलर्ट मोड पर था। वहीं अब कुरूक्षेत्र और यमुनानगर में बाहर से लाए जा रहे चावल विभाग के उच्चाधिकारियों को हैरान कर दिया है। खाद्य आपूर्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेकेटरी इस मामले में पैनी नजर बनाए दिख रहे हैं और इस मामले में और भी जिलों में इस प्रकार की अनियमितताओं से इंकार नही कर रहे।

बता दें कुछ ही दिन पहले विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना मिली कि धान खरीद में सरकार को चूना लगाया जा रहा है। धान खरीद में कटा गेट पास गेट पर मौजूद कम्पयूटर पर काटा ही नही गया बल्कि किसी ओर कम्पयूटर पर काटा गया है। विभाग ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए तुरंत कार्यवाही की तो यह बात सही पाई गई। विभाग द्वारा 5-6 दिन के सी.सी.टी.वी. फुटेज खंगाले गए तो पाया गया कि जिस समय गेट पास कटे उस समय न तो गेट के पास कोई किसान था न ही कोई व्हीकल। विभाग ने इस मामले में तुरन्त सम्बन्धित अधिकारियों और आढतियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाई और गहन जांच के लिए पुलिस को जांच सौंपी।

इसके बाद अब कुरूक्षेत्र और यमुनानगर मामले ने भी विभाग को चैंका दिया है। विभाग ने बाहर से आ रहे कई धान के ट्रकों को पकडा है। खाद्य एवम् आपूर्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेकेटरी के अनुसार प्राथमिक दृष्टि से लगता है कि विभाग के अच्छी क्वालिटी के नए धान को बेचकर विभाग को पुराने हल्की क्वालिटी के देने की कोशिश थी। साथ ही दास ने बताया कि सरकार को चूना लगाने की इस प्रकार की ओर कोशिशों से भी इंकार नही किया जा सकता। उन्होने बताया कि उनकी पैनी निगाहें और जिलों में भी बनी हैं। उन्होने बताया कि इस बारे में प्राईवेट लोगों से भी सूचना मिल रही है। हम तुरन्त एक्शन भी ले रहे हैं।

दास ने बताया कि इस प्रकार की सूचना के बाद खाद्य एवम् आपूर्ति विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस बल सभी आपसी सहयोग से इन मामलों को शार्टआउट करते हैं। और एफआईआर दर्ज की जाती है। पुलिस भी सरकार का एक अंग है और पुलिस का विभाग को पूरा सहयोग मिलता है। इस मामले में दास ने बताया कि विभाग द्वारा साढे 55 लाख टन धान की खरीद की गई है। जिसकी पेमेन्ट लगभग 10 हजार 488 करोड रूपये में से 9 हजार 679 करोड रूपये पेमेन्ट की जा चुकी है। जो कि करीब 93 प्रतिशत पेमेन्ट बनती है।

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