Edited By vinod kumar, Updated: 27 Dec, 2019 07:38 PM
शहरों की तर्ज पर अब प्रदेश के करीब 6800 गांवों से भी डोर-टू-डोर कचरे का उठान किया जाएगा। पंचायत एवं विकास विभाग ने योजना बना ली है। केंद्र से करोड़ों रुपए का बजट भी मंजूर हो गया है। न केवल घरों से कचरे का उठान होगा, बल्कि इसे गांव से दूर ले जाकर...
डेस्क: शहरों की तर्ज पर अब प्रदेश के करीब 6800 गांवों से भी डोर-टू-डोर कचरे का उठान किया जाएगा। पंचायत एवं विकास विभाग ने योजना बना ली है। केंद्र से करोड़ों रुपए का बजट भी मंजूर हो गया है। न केवल घरों से कचरे का उठान होगा, बल्कि इसे गांव से दूर ले जाकर इसका मैनेजमेंट किया जाएगा। इससे खाद आदि बनाई जाएगी, खाद को किसानों को ही दिया जाएगा, ताकि वे फसल उत्पादन बढ़ाने में इसका प्रयोग कर सकें।
यह कार्य पंचायत ही करेंगी और इससे गांव के अगल-बगल में फैली गंदगी को खत्म करने में काफी हद तक मदद मिल सकेगी। ग्राम पंचायत गांव में गंदगी फैलाने वाले पर जुर्माना भी लगा सकेगी। इससे पहले इस योजना को चुनिंदा गांवों में शुरू किया गया था। अब इसे प्रदेश के हर गांव में लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने मंजूर किया बजट
पंचायतों के लिए गांव-गांव में इस योजना को शुरू करने के लिए करीब 750 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हो चुका है। लिक्वड वेस्ट के लिए जहां करीब 300 करोड़ रुपए का बजट होगा, वहीं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए करीब 450 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हुआ है। बजट को पंचायतों को दिया जाएगा। लापरवाही मिली तो पंचायत ही नहीं संबंधित अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गंदगी फैलाने की इजाजत किसी को नहीं: गांव में गंदगी फैलाने वालों पर ग्राम पंचायत जुर्माना लगा सकेगी। किसी को गांव में गंदगी आदि फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ग्रामीण सोचते हैं कि उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन अब ऐसे लोगों पर पंचायत खुद ही कार्रवाई कर सकेगी।
गंदगी की होगी चारदीवारी
देहात में जहां गंदगी के ढेर लगे होंगे, वहां पर चारदीवारी होगी। बाहर से गंदगी नहीं दिखेगी। घर-घर से रोजाना कचरे का उठान पंचायत द्वारा नियुक्त किए कर्मचारी करेंगे, ऐसे में गांव के बाहर लगे कचरे के ढेर कुछ दिनों के बाद अपने आप खत्म हो जाएंगे।
बीमारियों से मिलेगी निजात
गांव में एंट्री करते ही गंदगी के ढेर लगे होते हैं। तालाबों में गंदा पानी एकत्र हो जाता है। इसमें एक ग्रामीण की नहीं, बल्कि समूचे गांव की जिम्मेदारी होगी कि कहीं पर भी गंदगी खुले में न डालें। इससे मच्छर आदि पनपते हैं और गांव में कई बार गंभीर बीमारी फैल जाती है।
सुधीर राजपाल, एसीएस, पंचायत एवं विकास विभाग ने कहा कि अब हर गांव के घर-घर से कचरा उठाया जाएगा। करीब 750 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हो चुका है। गांवों में ही कचरे का निस्पादन करने के लिए प्लांट लगाए जाएंगे। इससे गांव स्वस्थ हो सकेंगे।
कचरे का होगा निष्पादन
विभागीय अधिकारियों के अनुसार कचरे का निष्पादन भी किया जाएगा। इसके लिए कई गांवों को मिलाकर एक जगह कचरा निष्पादन प्लांट लगाया जाएगा। यहां पर कचरे से खाद आदि तैयार की जा सकेगी। यही नहीं कचरे के लिए अलग-अलग बजट मंजूर हुआ