खिलाडिय़ों से कमाई वसूली की अधिसूचना ने मचाया हड़कंप, पक्ष-विपक्ष आमने-सामने

Edited By Shivam, Updated: 08 Jun, 2018 10:28 PM

notification of earnings recovery from players became controversial

सरकारी नौकरी में लगे खिलाडिय़ों  के प्रोफेशनल खेलने और विज्ञापन जगत में काम करने पर हुई कमाई का 33 प्रतिशत हिस्सा अब स्पोर्टस काउंसिल को देना होगा। हरियाणा सरकार के खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने यह निर्देश जारी किया है कि खिलाड़ी अगर बिना...

चंडीगढ़(धरणी): सरकारी नौकरी में लगे खिलाडिय़ों  के प्रोफेशनल खेलने और विज्ञापन जगत में काम करने पर हुई कमाई का 33 प्रतिशत हिस्सा अब स्पोर्टस काउंसिल को देना होगा। हरियाणा सरकार के खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने यह निर्देश जारी किया है कि खिलाड़ी अगर बिना तनख्वाह के किसी प्रोफेशनल टूर्नामेंट या विज्ञापन इत्यादि में काम करता है तो कमाई का एक तिमाही फीस स्पोर्टस कौंसिल को देनी होगी।

27 अप्रैल 2018 को जारी सरकार की अधिसूचना के तहत  खिलाड़ी तनख्वाह के साथ-साथ भी प्रोफेशनल खेलता है या किसी कमर्शियल एंडोर्समेंट का हिस्सा बनते हैं, तो खिलाड़ी को अपनी पूरी कमाई स्पोट्र्स कौंसिल को देनी होगी। हरियाणा के खिलाड़ी इस फैसले के बाद प्रदेश मे हड़कंप मच गया। जहां खिलाड़ी बगावत पर उतरे वहीं सत्ता पक्ष- विपक्ष भी आमने सामने आ गए।

इसमें कोई नई बात नहीं: अनिल विज
खिलाडिय़ों की नोटिफिकेशन के मामले पर जवाब देते हुए खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। हरियाणा सरकार के रूल 56 के तहत एक नियम होता है कि अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी कोई कमर्शियल इनकम करता है तो उसका एक तिहाई वो सरकार को जमा करवाएगा। हमने बॉक्सर विजेंदर को जब प्रोफेशनल बॉक्सिंग के लिए इजाजत दी थी तब हाइकोर्ट में एक केस लगा था। तब उस केस में हाईकोर्ट ने हमें कहा था कि खिलाडिय़ों के लिए भी गाइडलाइंस तय की जाएं। ये जो सरकारी कर्मचारी हैं और जो खिलाड़ी हैं और प्रोफेशनल खेलते हैं। उनके लिए ये नोटिफिकेशन जारी की गई है, जो कि सरकार का एक बहुत पुराना नियम है।

उन्होंने कहा कि जो अमेच्योर खेलते हैं उन पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। जो सरकारी कर्मचारी हैं और उसकी बोली लगती है, वो खेलता है, पैसे कमाता है तो ये उस पर है। वो पैसा स्पोट्र्स फंड में जमा करवाया जाएगा और फंड का ये पैसा खिलाडिय़ों पर ही खर्च किया जाएगा।

पूर्व सीएम हुड्डा ने खोला मोर्चा
हरियाणा सरकार के खिलाडिय़ों के लिए किए गए फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने आपत्ति जताई व कहा, सरकार का खिलाडिय़ों के साथ भद्दा मजाक किया है। इस फैसले से खिलाडिय़ों पर दोहरी मार पड़ेगी। इससे छुट्टी के पैसे के साथ 33 प्रतिशत पैसा स्पोट्र्स काउंसिल में जमा करना पड़ेगा। प्रोत्साहन के बजाए खिलाडिय़ों को सरकार हताश कर रही है। खेल मंत्री अनिल विज के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अपने शासन काल में ऐसा कोई फैसला नहीं देखा, अगर पुरानी पॉलिसी है तो नोटिफिकेशन अब क्यों जारी की गई।

खिलाडियों के सामने कटोरा लेकर खड़े हो जाए खेल मंत्री: जयहिंद
आम आदमी पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने खेल नीतियों पर खट्टर सरकार को घेरा और कहा कि खट्टर सरकार खिलाडियों का अपमान करने के बाद उनके इनाम की कमाई पर घात लगाए बैठी है। जयहिंद ने कहा कि खट्टर सरकार अभी तक सिर्फ 3 खिलाडिय़ों को नौकरी दे पाई है। सरकार विज्ञापन के माध्यम से बड़ाई तो अपनी करती है, लेकिन भुगतान खिलाड़ी को करना पड़ेगा।

जयहिंद ने कहा कि सरकार अभी तक खिलाडिय़ों को सम्मान के नाम पर दी जाने वाली राशि को घटाने, जीएसटी लगाने और इनामी राशि ना देने के बहाने बनाती रही। अब खिलाडियों की खून -पसीने की कमाई को लूटने की फिराक में है। जयहिंद ने कहा कि पहले ही अपमानित महसूस कर रहे खिलाड़ी इस नोटिफिकेशन के बाद उनके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। जयहिंद ने कहा कि खेल मंत्री खिलाडियों के सामने कटोरा लेकर खड़े हो जाएं।

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