हरियाणा वक्फ बोर्ड के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रदेश सरकार को नोटिस

Edited By Isha, Updated: 13 Mar, 2020 08:47 AM

notice to the state government on a petition challenging the formation

हरियाणा वक्फ बोर्ड के गठन की अधिसूचना को चुनौती देने वाले याचिका के माध्यम से राज्य सरकार के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि गठन गैर-कानूनी तरीके से हुआ है। याचिकाकत्र्ता ......

चंडीगढ़ : हरियाणा वक्फ बोर्ड के गठन की अधिसूचना को चुनौती देने वाले याचिका के माध्यम से राज्य सरकार के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि गठन गैर-कानूनी तरीके से हुआ है। याचिकाकर्ता ने 5 बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि बोर्ड का गठन वक्फ अधिनियम की धारा 14 के तहत चयन प्रक्रिया से होता है जो नहीं हुआ। किसी भी मैंबर की श्रेणी का खुलासा न होना, अधिनियम का सीधा उल्लंघन है।

कोई भी बोर्ड गठित होने के लिए निर्वाचित और चयन किया जाता है और चयन धारा-14 अनुसार होना चाहिए जिसमें निर्वाचित सदस्यों की संख्या नामित से अधिक होनी चाहिए लेकिन अधिसूचना में ऐसा नहीं दर्शाया गया। नोटिफिकेशन के अनुसार श्रेणी नंबर-3 के खुर्शीद अहमद खान को मुस्लिम सीनियर एडवोकेट की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन ये मैंबर मुस्लिम सीनियर एडवोकेट की श्रेणी में नहीं आता है। सरकार ने गत वर्ष एक मुस्लिम एडवोकेट मैंबर को इस तरह से निरस्त किया था कि वो मुस्लिम सीनियर अधिवक्ता की श्रेणी में नहीं आता। 

सरकार अब अपनी ही नोटिफिकेशन में फंसती नजर आ रही है। हरियाणा के न्यायिक अधिकारी की पत्नी की अधिसूचना का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा सरकार द्वारा नामित किया गया है जिससे पता चलता है कि सरकार ने पिक एंड चूज नीति को अपनाया है। याची ने याचिका के माध्यम से दावा किया कि उसकी मैंबर बनाने वाली दर्खास्त पर कोई अमल नहीं किया गया। वहीं, दिनयात की श्रेणी में शिया और सुन्नी के नामित नामों का होना भी अपने आप में हास्यस्पद है।

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