Edited By Deepak Paul, Updated: 30 Jan, 2019 11:09 AM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को 18000 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं को लेकर दाखिल 2 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
चंडीगढ़(हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को 18000 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं को लेकर दाखिल 2 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। वकील विक्रम श्योराण ने कोर्ट को बताया कि याची आॢथक आधार पर पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते हैं और नियमों के तहत भर्ती में 10 अंक मिलने थे, लेकिन हरियाणा स्टाफ सिलैक्शन बोर्ड ने लाभ नहीं दिया। बोर्ड 10 अंक का लाभ देता तो याची की नियुक्ति तय थी। अन्य याचिका में आरोप लगाया कि पेपर में कुछ सवाल गलत थे, लेकिन बोर्ड ने आपत्ति दर्ज करने का जो समय दिया, उस संबंधी सार्वजानिक पत्र देरी से जारी हुआ जब तक आपत्ति दर्ज करने की तिथि जो समाप्त हो चुकी थी, इसलिए वह आपत्ति दर्ज नहीं करवा सके।
वकील ने कोर्ट को बताया कि गत वर्ष 18000 से ज्यादा फोर्थ क्लास पदों पर सरकार की ओर से विज्ञापन भर्ती विज्ञापन निकाला था। इसमें पिता की 42 वर्ष से पहले मौत होने पर, घर में सरकारी नौकरी न होने और आॢथक आधार पर पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वालों को अतिरिक्त अंक का प्रावधान था। इस आधार पर याची 10 अंक के हकदार हं लेकिन बोर्ड की लापरवाही के कारण लाभ नहीं मिला। याची ने मांग की है कि आरक्षण के तहत 10 अंक का लाभ देकर नियुक्ति का आदेश दिया जाए। याची ने कोर्ट को बताया कि इस तरह के कई और मामलों में भर्ती बोर्ड ने नियमों को अनदेखा किया है। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हए सरकार और भर्ती बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं।
याचिका में लगाए आरोपों की सत्यता के लिए कोर्ट ने कुछ उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिका भी तलब की है जिन्हें परखने के बाद सुनवाई होगी। इससे पहले भी एक याचिका पर सरकार को नोटिस जारी हो चुका है, संभवत सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ 5 जुलाई को होगी।