सख्ती के बावजूद पराली जलाने वाले किसानों को नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू(Video)

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 16 Oct, 2018 02:40 PM

सरकार के लाख दावों और सख्ती के बावजूद पराली का जलना शुरू हो चुका है। फतेहाबाद में कृषि विभाग के मुताबिक अब तक 18 ऐसी जगहों की पहचान की गई है जहां पराली जलाई गई है। अब कृषि विभाग इन 18 जगहों पर पराली जलाने वाले.....

फतेहाबाद(हरियाणा): सरकार के लाख दावों और सख्ती के बावजूद पराली का जलना शुरू हो चुका है। फतेहाबाद में कृषि विभाग के मुताबिक अब तक 18 ऐसी जगहों की पहचान की गई है जहां पराली जलाई गई है। अब कृषि विभाग इन 18 जगहों पर पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है। कृषि विभाग के उपनिदेशक बलवंत सिंह सहारण ने बताया कि चिन्हित की गई 18 जगहों वाले किसानों के नाम, पते फील्ड ऑफिसर के जरिए मंगवा लिए गए हैं। अब इन किसानों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।  सहारण ने कहा कि पराली जलाने वाले ऐसे किसानों की पहचान अलग से की जा रही है जिन किसानों से पिछली बार भी पराली जलाई। 
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उपनिदेश का कहना है कि ऐसे किसान जिन्होंने पिछले वर्ष भी पराली जलाई और इस बार भी पराली जला रहे हैं। ऐसे किसानों के खिलाफ पर्यावरण विभाग के जरिए एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुसार किसी भी सूरत में पराली नहीं जलने दी जाएगी। हालांकि कृषि उपनिदेशक ने कहा कि किसानों को पराली खेत से हटाने के लिए विभिन्न कृषि यंत्र सरकार की योजना के अनुसार सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और किसानों को पराली नहीं जलाने और पराली जलाने के नुकसान बारे में लगातार जुलाई माह से जागरूक किया जा रहा है। 
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लेकिन दूसरी तरफ किसानों ने सरकार पर पराली निपटान का स्थाई समाधान के लिए उपाय नहीं बताने के आरोप लगाते हुए कहा है कि किसानों के पास पराली को माचिस की तीली लगाने यानि पराली को जलाने के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है। सरकार की ओर से सब्सिडी पर किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जाने के सवाल पर किसानों का कहना है कि जो किसान केवल 2 से 5 एकड़ जमीन का मालिक है वह किसान पराली निपटान के लिए इन यंत्रों को सब्सिडी पर कैसे खरीदे? फतेहाबाद के किसान भगवान दास व रमेश कुमार कहते हैं कि सरकार पराली के लिए फैक्टरी इत्यादि लगाकर या जगह उपलब्ध करवाकर किसानों की पराली निपटान की समस्या का स्थाई समाधान करे, क्योंकि पराली को खेत में रखने से चूहे, सांप इत्यादि जीव बिल बनाकर फसलों को खराब करेंगे।
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ऐसे में पराली को खेतों के आसपास नहीं रखा जा सकता। अगर सरकार ऐसा नहीं कर पाती है तो किसानों के पास पराली जलाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। किसानों को अगर पराली जलाने के आरोप में जेल में सरकार भेजना चाहती है तो किसान भी तैयार हैं जेल जाने के लिए। किसानों को जेल में भेज दिया जाए और किसानों के बच्चों को मांग कर खाने के लिए सड़क पर छोड़ दिया जाए। ना किसान गेहूं, धान पैदा करेंगे और ना पराली जलाने की नौबत आएगी। उधर प्रशासन की ओर से सख्त आदेश दिए गए हैं कि किसी भी सूरत में पराली जलाने वाले किसानों को बख्शा नहीं जाएगा। 
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