LS Election 2019- वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार हुआ नोटा का प्रयोग

Edited By Shivam, Updated: 27 Mar, 2019 11:37 AM

nota used for the first time in the 2014 lok sabha elections

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार नोटा का प्रयोग शुरू किया गया। इस लोकसभा चुनाव में 83.41 करोड़ में से 55.38 करोड़  मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लगभग 60 लाख वोट नोटा को मिले थे। यह कुल वोटों का 1.1 प्रतिशत था। देश मे सबसे कम नोटा...

कैथल (महीपाल): वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार नोटा का प्रयोग शुरू किया गया। इस लोकसभा चुनाव में 83.41 करोड़ में से 55.38 करोड़  मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लगभग 60 लाख वोट नोटा को मिले थे। यह कुल वोटों का 1.1 प्रतिशत था। देश मे सबसे कम नोटा का प्रयोग 10 लोकसभा क्षेत्रों में हुआ जिनमें 2 लोकसभा क्षेत्र हरियाणा के हैं। वे हिसार और भिवानी-महेन्द्रगढ़ हैं।

लक्षद्वीप के लक्षद्वीप लोकसभा क्षेत्र में 43,289 वोटों में से 123, जम्मू-कश्मीर के लद्दाख लोकसभा क्षेत्र में 1,18,029 में से 1207, दमन और दीव के  दमन और दीव लोकसभा क्षेत्र में 87,233 वोटों में से 1316, अंडमान-निकोबार के लोकसभा क्षेत्र 1,90,328 वोटों में से 1316, हरियाणा के हिसार लोकसभा क्षेत्र में 11,55,914 वोटों में से 1645, उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र में 8,74,625 वोटों में से 1784, आंध्र प्रदेश के अरुणाचल-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र में 3,35,665 वोटों में से 1816, उत्तर प्रदेश के मथुरा लोकसभा क्षेत्र में 10,76,868 में से 1953, उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र में 9,70,677 वोटों में से 1986, हरियाणा के भिवानी-महेन्द्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में 10,30,401 वोटों में से 1994 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

अमेठी अखिल भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी, मथुरा मशहूर सिने अभिनेत्री हेमा मालिनी और हिसार जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दुष्यंत चौटाला का लोकसभा क्षेत्र है। गौरतलब है कि 2013 में मतदाताओं को नोटा का विकल्प देने का फैसला किया गया था। अब तक एक लोकसभा और कुल 37 विधानसभा चुनावों में नोटा का इस्तेमाल किया जा चुका है। 2013 से 2017 के बीच हुए चुनावों में नोटा को कुल 1.33 करोड़ वोट मिले।

नोटा पर हरियाणा और महाराष्ट्र के बड़े निर्णय
महाराष्ट्र प्रदेश चुनाव आयोग ने नवम्बर, 2018 में नोटा को ज्यादा वोट मिलने पर स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों को फिर से करवाने का निर्णय लिया था। चुनाव आयोग ने नोटा को सबसे ज्यादा वोट मिलने पर सभी प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित करने की बात कही थी। नवम्बर में हरियाणा प्रदेश चुनाव आयोग ने भी महाराष्ट्र प्रदेश की तर्ज पर 5 जिलों में हुए नगर निगम चुनाव में नोटा को ज्यादा वोट मिलने पर दोबारा चुनाव करवाने का निर्णय लिया था।

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