Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 27 May, 2018 04:33 PM
देश आज 21वीं सदी में पहुंच गया है अौर आज भी देश का किसान अपनी फसल को बेचने के लिए सरकार अौर अधिकारियों का मुंह ताक रहा है। हालात तो यह है कि किसानों की फसल तो होती है, सरकारी खरीद की घोषणा भी की जाती है लेकिन धरातल पर हालात क्या हैं उसका नजारा सोहना...
सोहना(सतीश राघव): देश आज 21वीं सदी में पहुंच गया है अौर आज भी देश का किसान अपनी फसल को बेचने के लिए सरकार अौर अधिकारियों का मुंह ताक रहा है। हालात तो यह है कि किसानों की फसल तो होती है, सरकारी खरीद की घोषणा भी की जाती है लेकिन धरातल पर हालात क्या हैं उसका नजारा सोहना में देखने को मिला। जहां सरसों की खरीद कर रही हैफेड ने 4 गांव के किसानों को टोकन तो दे दिए लेकिन खरीद नहीं की। अपनी सरसों को लेकर 4 गांव के किसान करीब डेढ़ महीने से दर-दर की ठोकरें का रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
किसानों को राहत दिलाने के लिए इस बार सरकार ने सरसों की सरकारी खरीद की जिम्मेवारी हैफेड को सौंपी है। विभाग ने खरीद को आसान करने के लिए एक शेड्यूल तैयार किया जिसमें हर दिन चार गांव की सरसों ली जाती है। इसी शेड्यूल के मुताबिक 19 अप्रैल को गांव लाखूवास, भोगपुर, करणकी खेड़ली व सांचोली की सरसों की खरीद होनी थीl इसके लिए विभाग ने किसानों को टोकन भी दे दिए लेकिन जब वह सरसों लेकर आए तो विभाग ने उनकी सरसों खरीदने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि ऊपर से सरसों की खरीद बंद हो गई l
जबकि किसानों का कहना है कि उस दिन विभाग ने अन्य किसानों की सरसों की खरीद की, जिसकी जांच होनी चाहिए। इस समय गुस्साए किसानों ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दे दी है। इसी को लेकर किसान सोहना एसडीएम से मिले।
एसडीएम ने किसानों को आश्वासन दिया है। एसडीएम ने बताया कि किसानों की शिकायत को उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है जल्द ही 4 गांव के किसानों की सरसों की खरीद कराई जाएगी।