Edited By Deepak Paul, Updated: 11 Aug, 2018 01:20 PM
अब हम लाठी-डंडे से नहीं, बुद्धि से आरक्षण लेंगे। शुक्रवार की शाम को यह हुंकार अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने भरी।
मलिक शहर की नई सब्जीमंडी में सोनीपत का जिलास्तरीय 36 बिरादरी भाईचारा सम्मेलन को सम्बोधित कर...
गोहाना (अरोड़ा): अब हम लाठी-डंडे से नहीं, बुद्धि से आरक्षण लेंगे। शुक्रवार की शाम को यह हुंकार अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने भरी।
मलिक शहर की नई सब्जीमंडी में सोनीपत का जिलास्तरीय 36 बिरादरी भाईचारा सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। सम्मेलन की अध्यक्षता बरोदा गांव के महासिंह मोर (82) ने की। भाईचारा सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अब हम न सड़क रोकेंगे, न कहीं धरने पर बैठेंगे, न अपने गांव से कहीं बाहर जाएंगे लेकिन रणनीति ऐसी होगी कि सरकार जाटों के कदमों में झुकने के लिए मजबूर हो जाएगी। यह रणनीति मां-बहनों को अच्छे से समझानी होगी।
इस रणनीति का डिटेल से खुलासा 12 अगस्त को रोहतक के जसिया गांव में होने वाले भाईचारा सम्मेलन में किया जाएगा। यशपाल मलिक ने कहा कि जाट आरक्षण का आंदोलन आरक्षण मिलने तक नहीं बल्कि दर्ज केस वापस होने और जेलों में बंद जाटों के बच्चों की रिहाई तक जारी रहेगा। भाजपा के जाट नेताओं पर उन्होंने प्रश्न दागा कि सुभाष बराला, ओमप्रकाश धनखड़ और कै.अभिमन्यु को आप ने क्या इसलिए विधानसभा में भेजा था कि जाटों को ही मरवा दें।